एसएसजे में हॉस्टल की छात्राओं ने वॉर्डन के खिलाफ खोला मोर्चा

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मंगलवार की रात को सोबन सिंह जीना परिसर में जियारानी हॉस्टल की छात्राओं ने हॉस्टल की वॉर्डन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वॉर्डन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए हॉस्टल की छात्राएं रात को धरने पर बैठ गई। बाद में परिसर प्रशासन ने आनन-फानन में छात्राओं को समझा-बुझाकर शांत किया।

लेकिन नाराज छात्राएं बुधवार को एक बार फिर से धरने पर बैठ गई। मौके पर छात्राओं से वार्ता करने पहुंचे परिसर निदेशक प्रो. आरएस पथनी ने छात्राओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्राएं वॉर्डन को हटाने और हॉस्टल की सुविधाएं बहाल किए जाने की मांग पर अड़ी रही। बाद में छात्राओं ने निदेशक ने एक शिकायती पत्र भी सौंपा।

अनावश्यक रूप से नए नियम बनाती है वॉर्डन

छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल की वॉर्डन अनावश्यक रूप से नए नियम बनाती रहती है जिससे शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्टल में अतिथि छात्राओं से लिए जाने वाले शुल्क का विवरण मांगे जाने पर वॉर्डन जानकारी देने से इनकार कर देती है। जबकि इस शुल्क का हॉस्टल की सुविधाओं को बढ़ाने में कोई उपयोग नहीं किया जाता है।

छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि तबीयत खराब होने पर प्राथमिक उपचार या अस्पताल ले जाने के बजाय वॉर्डन स्थानीय परिजनों को बुलाने के लिए कहती है। जबकि आपातकाल स्थिति में इलाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इसके अलावा हॉस्टल में बिजली, पानी, शौचालय आदि की समस्या के बारे में वॉर्डन को बताया जा चुका है लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। छात्राओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द ही नहीं माना गया तो हॉस्टल की सभी छात्राएं एक बार फिर से धरना शुरू करेंगी।

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