वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के उत्तराखण्ड राज्य में आयोजन को ऐतिहासिक एवं स्वर्णिम अवसर बताते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए किए कि इस दौरान राज्य की आयुर्वेद क्षेत्र में उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस आयोजन के दौरान सभी आयुष हितधारकों, आयुर्वेदिक शैक्षणिक संस्थाओं, उद्यमों व राज्य एवं केन्द्रीय स्तर के संगठनों, औषधीय पौध क्षेत्र, आयुष हेल्थ केयर से जुड़े लोगो व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 4501 डेलिगेट्स उत्तराखण्ड के देहरादून में आयोजित होने वाली आगामी वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। डेलिगेट्स हेतु रजिस्ट्रेशन 15 नवम्बर तक खुले हुए हैं।
आयोजन स्थल की सुव्यवस्था एवं आवश्यक मरम्मत हेतु निर्देश दिए
उत्तराखण्ड में 12 से 15 दिसम्बर 2024 तक प्रस्तावित 10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड अरोग्य एक्सपो प्रस्तावित है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस, वर्ल्ड आयुर्वेद फाउण्डेशन (10th World Ayurveda Congress and Arogya Expo) द्वारा स्थापित मंच है, जिसका लक्ष्य आयुर्वेद का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना है। पहला वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस 2002 में कोच्चि में एक आउटरीच कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। इसके बाद हर दो साल में पुणे, जयपुर, बैंगलोर, भोपाल, दिल्ली, कोलकाता और अहमदाबाद में आयोजित वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के माध्यम से आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने व वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार में सहायता मिली।
10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड अरोग्य एक्सपो की थीम ‘‘डिजिटल हेल्थ’’ रखी
बैठक में सचिव श्री रविनाथ रमन, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।