हरिद्वार कुंभ मेले का पहला शाही स्नान शुरू हो गया है। हरिद्वार में हर की पैड़ी स्थित ब्रहमकुंड पर मध्य रात्रि के बाद से आम श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या का स्नान शुरू कर दिया था। सुबह चार बजे ब्रह्मकुंड को अखाडों के साधु संतों के स्नान के लिए आरक्षित कर दिया। सुबह साढ़े आठ बजे शाही स्नान शुरू हुआ। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संतों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। इसके बाद जूना अखाड़े ने अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े के साथ गंगा में स्नान किया। वहीं, कुंभ मेला में दो बजे तक 25 लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। मेला अधिष्ठान ने बताया कि अभी हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अखाड़ों के संत महात्मा स्नान कर रहे हैं। वहीं, आम श्रद्धालु अन्य गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
अखाडे के संतों का स्नान चलेगा शाम पांच बजे तक
कोरोना संक्रमित होने के कारण अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि स्नान और जुलूस में शामिल नहीं हो सके। बाकी अखाड़े अब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। अखाडे के संतों का स्नान शाम पांच बजे तक चलेगा। आम श्रद्धालु गंगा के अन्य घाटों पर स्नान कर रहे हैं। इस बीच, कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर नहीं आने वाले बडी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार की सीमा से लौट गए। इस बार शाही स्नान में पिछले कुंभ पर्वों की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या कम नजर आ रही है।
शाही स्नान के बाद किन्नर अखाड़ा की प्रमुख आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की तबीयत बिगड़ी। किन्नर अखाड़ा की प्रमुख जिला अस्पताल के गेट पर पहुंची और उन्होंने जगजीतपुर स्थित अखाड़ा पहुंचाने का अनुरोध किया। इस पर उन्हें एंबुलेंस से अखाड़ा ले जाया गया है। मेला अधिकारी स्वास्थ्य डॉक्टर अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया कि उन्हें चक्कर आया था। डॉ. मीनाक्षी के नेतृत्व में एक टीम अखाड़ा स्वास्थ्य जांच के लिए भेजी गई है।
पूर्व सीएम ने दी सोमवती अमावस्या और शाही स्नान की शुभकामनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवती अमावस्या के पावन पर्व और महाकुंभ के पहले शाही स्नान पर सभी को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर सभी से अपील की है कि कोरोना से बचाव के सभी नियमों का अनुपालन कर हरिद्वार कुंभ में गंगा स्नान करें और पुण्य लाभ कमाएं।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव ने किया शाही स्नान
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव ने भी सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ शाही स्नान जुलूस में शामिल हुए। वह रथ पर सवार रहे और शाही स्नान किया।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कुंभ औपचारिक तौर पर एक अप्रैल से आरंभ हुआ। पहले शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग लेंगे। इससे पहले परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर सात संन्यासी अखाड़ों ने ही स्नान किया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पहले ही अखाड़ों का स्नान क्रम तय कर चुका है। इसके अनुसार सोमवार को सर्वप्रथम श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी स्नान करेगा। उसके साथ आनंद अखाड़ा रहेगा।
इसके बाद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े का क्रम तय किया गया है। जूना के साथ अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़ा स्नान करेंगे। अगली बारी महानिर्वाणी की है, उसके साथ अटल अखाड़ा भी स्नान करेगा। फिर दिगंबर अणि, निर्वाणी अणि और निर्मोही अणि और अगले क्रम में बड़ा और नया उदासीन अखाड़ा रहेगा। अंत में निर्मल अखाड़े के साथ ही शाही स्नान संपन्न हो जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक (कुंभ मेला) संजय गुंज्याल ने बताया कि स्नान के लिए प्रत्येक अखाड़े को आधा घंटे का समय तय किया गया है। अखाड़ों का अंतिम स्नान शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। इसके बाद गंगा आरती की जाएगी। गुंज्याल ने बताया कि हरकी पैड़ी तक पहुंचने के लिए अखाड़ों का मार्ग भी तय कर दिया गया है।
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