चमोली। चमोली जिले के तपोवन व रैणी क्षेत्र में आई आपदा के बाद पूरी सरकार प्रभावित क्षेत्र में डेरा डाले हुए है। सीएम रावत ने लगातार दो दिनों तक प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर खुद आपदा राहत कार्यों की मॉनीटरिंग की। मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित गांवों में जाकर ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। सीएम ने जिला प्रशासन को साफ निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों में कोई समस्या न हो, इस पर विशेष ध्यान रखा जाए।
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इसके बाद उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन में जाकर राहत-बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। रात्रि को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) गेस्ट हाउस में ठहरने के बाद सीएम ने सुबह सेना अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने सेना के उच्चाधिकारियों को घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध करने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से नीति घाटी के आपदा प्रभावित गांवों में उतरे। मुख्यमंत्री ने रैणी व लाता में आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।
ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि
उन्होंने आपदा में मरने वाले ग्रामीणों के घर जाकर स्वजनों को सांत्वना दी। साथ ही प्रभावित गांवों में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया को आपदा के बाद अलग-थलग पड़े गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न होने देने के निर्देश दिए।
सीएम रावत ने बताया कि
प्रभावित गांवों में लगातार हेलीकॉप्टर से राशन किट, मेडिकल सामग्री व रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती गांवों में प्रशासन के अलावा सेना और आइटीबीपी के जवान राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।