कहर बनकर बरसी लोगों पर बरसात, कुछ यूं कहते है आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े….

0

बरसात लोगों के लिए एक कहर बनकर बरसती है। कही अठखेलियां खेलती है, तो कभी गरीबों के लिए मुसीबत बनकर आ धमकती है। कही किसानो को इस बरसात से लाभ मिलता है, तो कही नुकसान की भरपाई करना ही मुश्कित हो जाता है। अगर हम इस बार बरसात के मौसम की बात करे तो कई इलाके बरसात से प्रभावित हुए है। कई इलाको ने बरसात की मार झेली है, तो कई इलाके अभी भी इसकी मार झेल रहे है। जलभराव, बाढ़ और भुस्खलन की वजह से कई लोगो ने अपनो को खोया है। अगर हम बात करे उत्तराखंड राज्य की तो कुदरती कहर ने यहां भी कोई कसर नही छोड़ी है।

 

जी हां मानसून की शुरूआत से लेकर अब तक 32 लोगों की मौत और 38 लोग घायल हो गये है। वही इस कुदरती कहर से लोगो का जन जीवन अस्थ वस्थ हो गया है। हलकी बरसात के आने से भी अब लोगो के मन में एक डर सा झलकने लगता है, की कहीं फिर से कोई बड़ा हादसा ना हो जाये।

खासकर तौर पर अगर हम यहां बात करे तो पर्वतीय जिलों में रहने वाले लोगो के मन ये डर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों पर ही गौर करें तो 15 जून से अब तक चमोली जिले में सबसे अधिक 15 लोगों की जान आपदा में गई। इतना ही नही कई लोगो घर से बेघर हो गये। बरसात की वजह से जान और माल दोनो का ही नुकसान झेलना पड़ रहा है।

वही मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि मानसून सीजन में आपदा के मद्देनजर विशेष एहतियात बरतने के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को संवेदनशील स्थल चिह्नित करने और आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आपदा राहत में रिस्पांस टाइम कम से कम हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाए।