Yasin Malik Guilty: दिल्ली की एक विशेष अदालत आतंकी फंडिंग के मामले में दोषी करार जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोपहर 3.30 बजे तक सजा सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया था। यासीन मलिक के केस (Yasin Malik Guilty) की सुनवाई के चलते पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में सुनवाई अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में
एनआईए ने दोषी मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की
सुनवाई शुरू हुई तो एनआईए ने दोषी मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की। सभी पक्षों की आखिरी दलीलें सुनते हुए अदालत ने इस मामले में फैसला दोपहर साढ़े तीन बजे तक सुरक्षित रख लिया है।
साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अफसरों को मलिक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने का भी निर्देश दिया था ताकि जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके। बताया जाता है कि इस मामले में मलिक को अधिकतम मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है जबकि उसके अपराधों के लिए न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है। यासीन ने 10 मई को अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आतंकी अधिनियम, आतंकी फंडिंग, आतंकी हरकतें, देशद्रोह, धोखाधड़ी मामलों का सामना अब नहीं करेगा।
इस बीच अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल सहित कश्मीरी 20 अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे।
सलाहुद्दीन और हाफिज सईद भगोड़ा घोषित
आरोप पत्र लश्कर-ए-ताइबा के पाकिस्तान में बैठे संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।
Rajya Sabha Election 2022: कपिल सिब्बल ने सपा से राज्यसभा के लिए किया नामांकन