दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर से बड़ी कार्यवाही करते हुए केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। इनमें मुख्य आयुक्त, आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों में से ज्यादातर ज्यादातर के खिलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं। गौर हो कि इससे पहले भी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मोदी सरकार ने बड़ी कार्यवाही की थी। आयकर विभाग के दर्जनभर आला अधिकारियों की छुट्टी कर दी है। चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर और कमिश्नर रैंक के इन अधिकारियों को वित्त मंत्रालय ने जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है।
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मंगलवार, 18 जून को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और कस्टम (Central Board of Indirect Taxes and Customs) विभाग के जबरन रिटायर किए गए अफसरों का पद और नाम इस प्रकार है- प्रिंसिपल कमिश्नर डॉ. अनूप श्रीवास्तव, कमिश्नर अतुल दीक्षित, कमिश्नर संसार चंद, कमिश्नर हर्षा, कमिश्नर विनय व्रिज सिंह, अडिशनल कमिश्नर अशोक महिदा, अडिशनल कमिश्नर वीरेंद्र अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर अमरेश जैन, ज्वाइंट कमिश्नर नलिन कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस पाब्ना, असिस्टेंट कमिश्नर एसएस बिष्ट, असिस्टेंट कमिश्नर विनोद सांगा, अडिशनल कमिश्नर राजू सेकर डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार असवाल और असिस्टेंट कमिश्नर मोहम्मद अल्ताफ