तमिलनाडु: अभिनेता से राजनेता बने कमल हसन द्वारा सोमवार को दिए गए विवादित बयान को लेकर अब राजनीतिक माहौल गरमा गया है। चारों तरफ राजनीतिक गलियारों में कमल हसन की कड़ी आलोचना की जा रही है। ऐसे में तमिलनाडु सरकार के दुग्ध एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता केटी राजेंद्र बालाजी ने कमल हसन को लेकर यह तक कह डाला कि इस तरह की विवादित बयानबाजी पर उनकी जीभ काट देनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कमल हसन की पार्टी को लेकर भी ये तक कह डाला कि निर्वाचन को इस मामले पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। उनकी पार्टी पर पांबदी लगाई जानी चाहिए।
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राज्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘उनकी जीभ काट देनी चाहिए…उन्होंने कहा है कि (स्वतंत्र भारत का पहला अतिवादी) हिन्दू था। अतिवाद का कोई धर्म नहीं होता, न हिन्दू, न मुस्लिम न ईसाई। वही उन्होने कमल हसन पर अल्पसंख्यक वोट हासिल करने के लिए ‘नाटक करने’ का आरोप लगाया। इससे पहले विवेक ओबेरॉय ने भी ट्वीट कर कहा था, ‘प्रिय कमल सर, आप बहुत बड़े कलाकार हैं। जैसे कला का कोई धर्म नहीं होता ठीक वैसे ही आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आप कह सकते हैं कि गोडसे आतंकवादी था, लेकिन आपने हिंदू शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? इसलिए कि आप मुस्लिम बहुल इलाके में वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे?”
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बता दें कि सोमवार को कमल हसन ने तमिलनाडु के अरावकुरिचि में चुनाव अभियान के दौरान एक विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि आजाद भारत का पहला आतंकि हिंदू था, और उनका नाम नाथूराम गोडसे है। कमल हसन के द्वारा दिए गए इस बयान को लेकर अब राजनितीक गलियारों में कड़ी आलोचना हो रही है