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राज्यसभा के सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस, बचेंगी सिर्फ 38 सीटें

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लखनऊ: राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए। सोमवार को नाम वापस लेने की अवधि खत्म होते ही चुनाव अधिकारी ने प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की। इसी के साथ इतिहास में बीजेपी पहली बार राज्यसभा में सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गई है और कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब हाल में।

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उत्तर प्रदेश की इन सीटों से राज्यसभा पहुंचे लोगों में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी शामिल हैं। वहीं एक सीट समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम के खाते में गई है।

बीजेपी ने यूपी में चला था दांव

आपको बता दें कि 25 नवंबर को राज्यसभा के 10 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें तीन सांसद बीजेपी के, चार समाजवादी पार्टी के, दो बीएसपी के और एक कांग्रेस के नेता शामिल हैं। राज्यसभा चुनावों में बीजेपी यूपी में 9 प्रत्याशी जीतने की स्थिति में थी, लेकिन उसने सिर्फ 8 प्रत्याशी उतारते हुए एक सीट खाली छोड़ दी थी। बीजेपी के इस दांव ने जहां सबको चौंका दिया था, वहीं कांग्रेस और एसपी ने बीजेपी और बीएसपी के गठजोड़ का आरोप लगाया था।

बदल गया राज्यसभा का गणित

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्यसभा की 11 सीटों पर नतीजे साफ होने के बाद राज्यसभा में बीजेपी अब तक के शिखर पर है, वहीं कांग्रेस की सीटें इतिहास में सबसे कम हो गई हैं। अब बीजेपी के पास कुल 92 सीटें हो जाएंगी, वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें बचेंगी। अगर बात करें एनडीए की तो अब राज्यसभा में एनडीए की कुल सीटों की संख्या 112 हो जाएगी। यह संख्या बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 10 सीटें दूर है। आपको बता दें कि राज्यसभा में कुल सीटें 245 हैं जिनमें से 12 सीटों पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामांकित करते हैं। बाकी सीटों पर चुनाव होता है।

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