सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ ने पीएम मोदी का किया शुक्रिया

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Oxford Corona Vaccine COVISHIELD in Hindi: भारत में उपलब्‍ध होने वाली कोविड-19 की पहली वैक्‍सीन कौन सी होगी? फाइजर इंडिया (Pfizer India) और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी-अपनी वैक्‍सीन के इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन की परमिशन मांगी है। फाइजर ने जहां अपनी वैक्‍सीन डिवेलप की है, वहीं SII ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन बना रहा है। SII की वैक्‍सीन का भारत में ट्रायल हुआ है लेकिन फाइजर के टीके का नहीं। फाइजर की वैक्‍सीन स्‍टोरेज के लिहाज से भी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में, संभावना इसी बात की ज्‍यादा है कि SII की COVISHIELD ही भारत में उपलब्‍ध कोरोना की पहली वैक्‍सीन होगी।

देश के अलग-अलग हिस्‍सों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

SII के सीईओ अदार पूनावाला ने एक ट्वीट में कहा कि

‘वादे के मुताबिक, 2020 से पहले कंपनी ने पहली मेड-इन-इंडिया वैक्‍सीन के इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन के लिए अप्‍लाई कर दिया है।’ पूनावाला ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। SII की वैक्‍सीन के अलावा, भारत बायोटेक की Covaxin और रूस की Sputnik V को भी अगले साल अप्रैल तक अप्रूवल मिल सकता है।

सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्‍ट्राजेनेका के साथ वैक्‍सीन की 100 करोड़ डोज बनाने की डील कर रखी है। कंपनी ने यूनाइटेड किंगडम में हुए ट्रायल के डेटा के आधार पर भारत में वैक्‍सीन के लिए इमर्जेंसी यूज अप्रूवल मांगा है। भारत में ड्रग रेगुलेटर डेटा की जांच करने के बाद वैक्‍सीन को अगले साल जनवरी तक अप्रूवल दे सकते हैं।

वैक्‍सीन में अब ज्‍यादा देर नहीं होगी: पीएम मोदी

कोरोना के टीके का इंतजार है, पिछले दिनों जब मैं वैज्ञानिकों से मिला, अब कोई ज्यादा देर होगी, ऐसा नहीं लगता है। हमें तब तक संक्रमण से बचने के लिए हर सावधानी अपनानी चाहिए।

केंद्र सरकार जुलाई तक 30 करोड़ भारतीयों को वैक्‍सीन देने की सोच रही है। इसके लिए सबसे ज्‍यादा डोज उसे सीरम इंस्टिट्यूट से ही मिलने की उम्‍मीद है। वैक्‍सीन एडमिनिस्‍ट्रेशन को लेकर बने नैशनल एक्‍सपर्ट ग्रुप की प्राथमिकता भी देसी टीकों को मंजूरी देने की है। सूत्रों के अनुसार, सरकार अगले पांच से छह महीनों में Covishield की करीब 40 करोड़ डोज मिलने की उम्‍मीद कर रही है।

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