पेरिस/ढाका/अंकारा: पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून विवाद में मुस्लिम देशों और फ्रांस के बीच मतभेद गंभीर रूप लेता जा रहा है। मुस्लिम देशों की सबसे ज्यादा आपत्ति फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लाम ‘संकट’ में है। इस बीच पैगंबर के कार्टून के प्रदर्शन के विरोध में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक इस्लामवादी समूह के लगभग 10,000 लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला और दुनिया भर के मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया।
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तुर्की के राष्ट्रपति तैयप रेसेप एर्दोगान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की आलोचना की और कहा कि फ्रांसीसी के मानसिक जांच की जरूरत है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान की दुनियाभर के मुस्लिम देशों में आलोचना हो रही है। इसमें सऊदी अरब और ईरान भी शामिल हैं जो तुर्की के विरोधी माने जाते हैं। मलेशिया ने कहा है कि वह मुस्लिमों के प्रति खुलेआम बढ़ती आक्रामकता से बहुत चिंतित है। पाकिस्तान ने भी फ्रांस की कड़ी निंदा की है।
लगभग 10,000 लोगों ने जोरदार प्रदर्शन
इस बीच पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के प्रदर्शन के विरोध में ढाका में एक इस्लामिक समूह के लगभग 10,000 लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में इस्लामिक कानून लागू करने की वकालत करने वाले एक समूह ‘इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश’ के प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे जिनमें ‘दुनिया के सभी मुसलमानों एकजुट हो जाओ’ और ‘फ्रांस का बहिष्कार करो’ लिखा था।
प्रदर्शनकारी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर का एक बड़ा कट-आउट भी लाए थे जिसके गले में जूते लटकाए गए थे। पिछले हफ्ते मैक्रों की टिप्पणी से मुस्लिम-बहुल देश नाराज हो गए, जिसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के प्रकाशन या प्रदर्शन की निंदा करने से इनकार कर दिया था। बता दें कि चेचन मूल के एक 18 वर्षीय व्यक्ति पर 16 अक्टूबर को पेरिस के पास एक फ्रांसीसी शिक्षक का सिर काटने का आरोप है, जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के रेखाचित्र दिखाए थे।
फ्रांस धार्मिक व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आने वाली चीजों में से एक मानता है, जबकि कई मुसलमान पैगंबर पर किसी भी कथित व्यंग्य को गंभीर अपराध मानते हैं। इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के प्रमुख रेजाउल करीम ने फ्रांस से पैगंबर मुहम्मद के किसी भी व्यंग्य चित्र को प्रदर्शित करने से परहेज करने का आग्रह किया। उधर, फ्रांस ने टीचर की हत्या के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों के खिलाफ जोरदार ऐक्शन लिया है।