नई दिल्ली। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने जीएसटी की खामियों और ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। अधिकतर राज्यों में बंद का अभी तक मिलाजुला असर देखने को मिला है। वहीं यूपी और राजस्थान में इसका असर देखने को नहीं मिला है। कई व्यापारी संगठनों ने इससे दूरी बना ली है। कैट का दावा है कि दिल्ली सहित देश भर के 40, हजार से अधिक व्यापारिक संगठनों के 8 करोड़ से अधिक व्यापारी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान भी भी बंद का समर्थन कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) इसको समर्थन कर रहा है। यह संगठन लगभग एक करोड़ ट्रांसपोर्टर्स का प्रतिनिधित्व करता है।
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– राजस्थान में बंद का असर नहीं देखने को मिला है। जयपुर में रोज की तरह सभी बाजार खुले रहे। अलवर और जोधपुर में थोड़ा बहुत बंद का असर दिखा। बिहार में बंद का असर देखने को मिला है। कई राजमार्गों पर ट्रक खड़े दिखे। NH-2, NH-30, NH-31, NH-57 समेत अन्य कई स्थानों पर ट्रक खड़े दिखे।
– पूरे देश में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला है। यूपी में बंद का असर देखने को नहीं मिला है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार ट्रांसपोर्टर्स संगठन के समर्थन के एलान के बावजूद यहां ट्रक व अन्य वाहन चल रहे हैं, जबकि सुबह छह बजे से ही चक्का जाम है। लखनऊ, मेरठ और आगरा सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों में दुकानें खुली हुई हैं।
– पश्चिम बंगाल: कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि और नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। बीरभूम से दृश्य।
– ईंधन की कीमतों में वृद्धि और नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ओडिशा के भुवनेश्वर से दृश्य।
– ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस(AIMTC) कोर कमेटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा कि आज का बंद व्यापारियों ने बुलाया है, कुछ संस्थाओं ने इसका समर्थन किया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती है, ये बंद सिर्फ कागजों में है जमीनी स्तर पर नहीं।
प्रदर्शनकारी किसान भी कर रहे समर्थन
किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों से बंद में शांतिपूर्ण तरीके शामिल होने अपील की है। उसने एक बयान में कहा है कि वह देश के सभी किसानों से भारत बंद का शांतिपूर्ण ढंग से समर्थन करने और बंद को सफल बनाने की अपील करते हैं।
आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी संशोधनों के खिलाफ देशभर के सभी राज्यों के लगभग 1500 बड़े और छोटे संगठन विरोध प्रदर्शन करेंगे। देश के लोगों को भारत व्यापी बंद के कारण कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कैट ने दवा दुकानों, दूध और सब्जियों की दुकानों जैसे आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा है।
कौन नहीं कर रहा समर्थन
हालांकि, समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार कई व्यापारियों के संगठन जैसे अखिल भारतीय व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग संघ मंडल ने बंद को समर्थन नहीं दिया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (FAIVM) ने कहा कि उसने बंद को समर्थन नहीं दिया है। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव वीके बंसल ने कहा कि कुछ मांगों के समर्थन में दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कि पिछले 43 महीनों में जीएसटी अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है। वहीं भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली के महासचिव राकेश यादव ने कहा कि संगठन ने बंद को समर्थन नहीं दिया है और सरकार को जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा है।