नई दिल्ली: Wheat Export Ban केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के आदेश में कुछ ढील देने का मन बनाया है। सरकार के ओर से यह घोषणा की गई है कि 13 मई से पहले जो भी गेहूं की खेप कस्टम विभाग को सौंप दी गई थी। या फिर उसका विवरण उनके सिस्टम में दर्ज कर लिया गया है। ऐसी गेहूं की खेपों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी।
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गेहूं निर्यात: सरकार ने पाबंदी पर दी थोड़ी राहत
केंद्र सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Export Ban) लगाने के अपने आदेश पर मंगलवार को एक बहुत बड़ी राहत का ऐलान किया है। इसके तहत तय किया गया है कि जहां भी गेहूं की कंसाइमेंट 13 मई या उससे पहले कस्टम के हवाले किया की जा चुकी है और उन्होंने इसे अपने सिस्टम में दर्ज कर लिया है उस कंसाइमेंट को निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
भारत के फैसले के बाद गेहूं की वैश्विक कीमत में 6% की उछाल
गौरतलब है कि भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से दुनिया भर में खलबली मची हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के इस फैसले के चार दिन बाद ही सोमवार को गेहूं की वैश्विक कीमत में 6% का रिकॉर्ड इजाफा हो गया। इस बीच अमेरिका का दावा है कि भारत के इस कदम से वैश्विक खाद्य संकट और बढ़ेगा। इसके चलते अमेरिका ने भारत से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की भी मांग की है। यूएन में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने उम्मीद जताई है भारत गेहूं के निर्यात पर हाल ही में लगाई गई पाबंदियों को हटा लेगा।
देश में गेहूं की कीमतों में कमी आनी शुरू
हालांकि, भारत ने गेहूं निर्यात रोकने का फैसला शुद्ध रूप से अपने देश में बढ़ती कीमतों को लगाम लगाने के लिए किया है और उसमें उसे सफलता भी मिलती दिख रही है। जहां इसकी वैश्विक कीमतें उछाल मार रही हैं, वहीं देश में 4 से 8 फीसदी तक कीमतों में कमी आने की रिपोर्ट हैं। जैसे कि राजस्थान में 200 से 250 रुपये क्विंटल, पंजाब में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है।
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