लखनऊ। UP Cabinet Decision: उत्तर प्रदेश में वर्षा कम होने पर भी अन्नदाता की उपज प्रभावित नहीं होगी। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 62 जिलों में 2100 राजकीय नलकूप लगाए जाएंगे। इसका लाभ लघु व सीमांत किसानों को मिलेगा।
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राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना पर 84198.83 लाख रुपये खर्च किए जाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट (UP Cabinet Decision) ने मुहर लगा दिया है। परियोजना इसी वर्ष से शुरू होकर अगले वर्ष 2023-24 में पूरी हो जाएगी।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि जनप्रतिनिधि, किसानों की मांग पूरा करने के लिए सरकार प्रदेश में सिंचाई की क्षमता बढ़ाने जा रही है। एक क्यूसेक क्षमता के नए राजकीय नलकूप 62 जिलों में लगाए जाएंगे।
इन भूगर्भ जल सुरक्षित विकासखंडों में 2100 नए राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना गठित की गई है। इस योजना के तहत किसी डार्क या ग्रे ब्लाक में नलकूप स्थापित नहीं किए जाएंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि परियोजना के तहत लगने वाले हर नलकूप पर रिमोट सेंसिंग, ड्रिलिंग डेवलपमेंट, पंप हाउस का निर्माण, डिलीवरी टैंक, हेडर व जल वितरण प्रणाली के तहत 1.2 किलोमीटर भूमिगत पीवीसी पाइप लाइन बिछाने, 10 आउटलेट का निर्माण व ऊर्जीकरण का कार्य कराया जाना है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के पूरी होने पर 50 हेक्टेयर प्रति राजकीय नलकूप की दर से एक लाख 5000 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी होगी। परियोजना के तहत राजकीय नलकूपों के निर्माण कार्य से श्रमिकों के लिए 21 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश में अभी तक 87 प्रतिशत नेट क्राप एरिया की सिंचाई की जा रही है। 13 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है।कुल 143.37 लाख हेक्टेयर में से 107.30 लाख हेक्टेयर की सिंचाई राजकीय व निजी नलकूपों के माध्यम से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि 74.90 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिंचाई हो रही है। प्रदेश में कुल 34316 राजकीय नलकूपों से किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जा रही है।
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