नई दिल्ली: Union Minister Meenakshi Lekhi: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने इन किसानों की तुलना मवालियों से की है। यह भी कहा है कि इस तरह प्रदर्शन करना आपराधिक है। विपक्ष ऐसी चीजों को हवा दे रहा है। लेखी के इस बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने उनके बयान पर तीखा विरोध जाहिर किया है। साथ ही लेखी के इस्तीफे की भी मांग की है।
Yogi Adityanath cabinet: ने लिया बड़ा फैसला
गुरुवार को मीडिया से मुखातिब मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘वे किसान नहीं मवाली हैं
गुरुवार को मीडिया से मुखातिब Union Minister Meenakshi Lekhi: ने कहा, ‘वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए। ये आपराधिक गतिविधियां हैं। जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मनाक था। वे आपराधिक गतिविधियां थीं। उसमें विपक्ष की ओर से चीजों को बढ़ावा दिया गया।’
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पूछे गए एक सवाल पर लेखी ने यह बयान दिया। उन्होंने पत्रकार से कहा कि आप फिर उन्हें किसान बोल रहे हैं, वो मवाली हैं।
कांग्रेसी नेता मुकेश शर्मा ने लेखी को अपने बयान पर मांफी मांगने को कहा
इस बयान के तुरंत बाद विपक्ष लेखी पर हमलावर हो गया। दिल्ली में 4 बार विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुकेश शर्मा ने लेखी को अपने बयान पर मांफी मांगने को कहा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘शर्म करो! मीनाक्षी लेखी जी किसान मवाली नहीं बल्कि अन्नदाता है!! इसलिए माफी मांगो या इस्तीफा दो…’
किसान नेता टिकैत ने बयान पर जताया अफसोस
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि लेखी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। टिकैत बोले कि कृषि कानूनों का प्रदर्शन करने वाले मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है।
किसानों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन हवन, कहा- सरकार को मिले सदबुद्धि
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए 200 किसानों का एक समूह गुरुवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचा। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक संसद परिसर से कुछ मीटर दूर जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाकर रखा है। वाहनों की आवाजाही की कड़ी निगरानी की जा रही है।
किसानों ने जताया जासूसी का अंदेशा
इसके पहले प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार पर जासूसी कराने का अंदेशा जताया। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने आशंका जताते हुए कहा कि सरकार इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये उनकी जासूसी करवा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। वे हम पर भी नजर रख रहे हैं।
Monsoon Session: संसद में विपक्ष का जमकर हंगामा