सुपरस्टार रजनीकांत ने एक ट्वीट में कहा, कावेरी के पानी के बंटवारे पर उच्चतम न्यायालय का अंतिम फैसला तमिलनाडु के किसानों की रोजी-रोटी को और प्रभावित करेगा। यह काफी निराश करने वाला है। राजनीति में कदम रखने का ऐलान कर चुके रजनीकांत ने कहा यह भी कहा कि तमिलनाडु सरकार को इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के कदम उठाने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दशकों पुराने इस विवाद को सुलझाने के लिए अपने फैसले में कावेरी जल में कर्नाटक का हिस्सा 14.75 टीएमसी फुट बढ़ा दिया और तमिलनाडु का हिस्सा उतना ही कम कर दिया। संतुलित समझे जाने वाले इस फैसले में हालांकि तमिलनाडु की क्षतिपूर्ति की गयी है और अदालत ने उसे नदी के बेसिन से 10 टीएमसी फुट भूजल निकालने की अनुमति प्रदान कर दी।
तमिलनाडु में द्रमुक की अगुवाई में विपक्षी दलों ने इस फैसले पर नाखुशी प्रकट की जबकि सत्तारुढ़ अन्नाद्रमुक ने किसानों और लोगों को अदालत द्वारा इस फैसले में राज्य को दिये गये 177.25 टीएमसी फुट पानी दिलाने के लिए तत्परता से कार्य करने का आश्वासन दिया।
पेयजल के मुद्दे को शीर्ष पर रखा जाना चाहिए
शीर्ष अदालत ने कहा कि पेयजल के मुद्दे को शीर्ष पर रखा जाना चाहिए। इसी बयान के साथ शीर्ष अदालत ने पेयजल और घरेलू जरुरतों की खातिर कर्नाटक का हिस्सा 270 टीएमसी फुट से बढ़ाकर 284.75 टीएमसी फुट, तमिलनाडु का हिस्सा 419 टीएमसी फुट से घटाकर 404.25 टीएमसी फुट कर दिया तथा उसे नदी बेसिन से 10 टीएमसी फुट भूजल लेने की अनुमति दे दी।