नगरकुरनूल। Telangana tunnel collapse : तेलंगाना में हादसे के आठ दिन बाद भी सुरंग में फंसे 8 लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। इसी बीच अधिकारियों का कहना है कि बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। सुरंग के अंदर से लगातार गाद को निकाला जा रहा है। वहीं अंदर फंसे लोगों के परिजनों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है। सभी परिवारों को अपनों की सुरक्षित वापसी का इंतजार है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं मिली
सुरंग में फंसे गुरप्रीत सिंह के रिश्तेदारों ने दावा किया कि उन्हें बचाव अभियान से जुड़ा कोई अपडेट नहीं मिला है। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि हमने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुरंग के अंदर जाने की अनुमति दी जाए, मगर हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया।
सुरंग से गाद को हटाया जा रहा
उधर, अधिकारियों का कहना है कि बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। सेना की मेडिकल टीमें वर्तमान में एसएलबीसी सुरंग में तैनात हैं। पानी और कीचड़ की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। सुरंग से गाद को हटाया जा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सिंगरेनी के खनन विशेषज्ञों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के साझा प्रयास से बचाव अभियान जारी है।
अभियान में 200 लोगों को लगाया गया
बचाव दल के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि शुरू में 20 लोगों को तैनात किया था और कल और आज 200 कर्मियों को तैनात किया जा रहा। सिंगरेनी के हमारे सभी बचाव दल के कर्मियों को भूमिगत और आपातकालीन स्थितियों में काम करने का अनुभव है। वे चट्टान काटने में विशेषज्ञ हैं।
सभी टीमें घटनास्थल पर मौजूद
नगरकुरनूल के एसपी गायकवाड़ वैभव रघुनाथ ने बताया कि सिंगारेनी की सभी टीमें, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और कंपनी के अधिकारी मौजूद हैं। कल से ही कीचड़ बाहर निकाला जा रहा है। उम्मीद है कि हमें जल्द ही अच्छे नतीजे मिलेंगे। संयुक्त टीमें यहां काम कर रही हैं। कांग्रेस विधायक डॉ. चिक्कुडु वामशी का कहना है कि बचाव अभियान में 12 विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सिंगरेनी खदानों के अनुभवी कर्मचारी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
22 फरवरी की सुबह हुआ हादसा
22 फरवरी की सुबह तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग का तीन मीटर लंबा हिस्सा अचानक ढह गया था। यह हादसा सुरंग में लगभग 14 किमी अंदर हुआ था। हादसे के वक्त कुल 50 मजदूर लीकेज के ठीक करने में जुटे थे। इनमें से 42 सकुशल भागने में सफल रहे। मगर 8 मजदूर अंदर ही फंस गए। पिछले आठ दिनों से इन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है।
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