Shrikant shinde : आतंकवाद पर पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब करने की कूटनीतिक मुहिम की शुरुआत बुधवार से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से होगी। इस क्रम में हाल ही में गठित 59 सदस्यीय 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को यूएई पहुंचेगा। यह प्रतिनिधिमंडल लाइबेरिया, कांगो तथा सिएरा लियोन का भी दौरा करेगा।
प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के मामले में भारत की खींची गई नई सीमा रेखा की जानकारी देने के साथ ही पहलगाम आतंकी हमले और उसके खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के देशों को परिचित कराएगा। मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने शिंदे समेत तीन प्रतिनिधिमंडलों को पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई, पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाओं तथा सरकार द्वारा खींची गई नई सीमा रेखा पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी।
पीएम की खींची लाइन बताना है
प्रतिनिधिमंडल को खासतौर पर आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी की ओर से खीची गई तीन लाइन की जानकारी देने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि पीएम ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा था कि भारत अब परमाणु ब्लेकमेलिंग स्वीकार नहीं करेगा। आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाते हुए आतंकियों और उसके आकाओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में कोई अंतर नहीं करेगा।
इन बिंदुओं पर होगी मुख्य चर्चा
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश सचिव की ब्रीफिंग में मुख्य रूप से जिन बिंदुओं पर चर्चा होगी उनमें यह बताया जाएगा कि पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक है और भारत पीड़ित। आतंकवाद का पोषण-संरक्षण पाकिस्तान की सरकारी नीति है। आतंकी घटनाओं पर जवाबी कार्रवाई भारत का हक है। भविष्य में आतंकी घटना होने पर भारत सख्त कदम उठाएगा। पहलगाम हमला के पीछे पाकिस्तान का हाथ था और उसकी धरती पर ही आतंकियों को प्रशिक्षण मिला था।
32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे
बैजयंत पांडा (भाजपा), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे।
मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ होंगे
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से आठ राजनेता शामिल हैं। उनकी मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ होंगे। 51 राजनेताओं में से 31 सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-एनडीए दलों से हैं। सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, जो या तो राजनेता या राजनयिक हैं।
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