RSS Dussehra Rally : मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरा रैली (RSS Dussehra Rally) में अपने संबोधन के दौरान मणिपुर हिंसा पर बात की। उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा सुनियोजित थी और उन्होंने बाहरी ताकतों पर उत्तर पूर्वी राज्य में हालात बिगाड़ने का आरोप लगाया। भागवत ने कहा कि मैती और कुकी लंबे समय से साथ मिलकर रह रहे हैं। आरएसएस प्रमुख ने सवाल करते हुए पूछा कि मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है और वहां अलगाव और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होगा?
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मणिपुर हिंसा में बाहरी ताकतों का हाथ?
नागपुर में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सांस्कृतिक माओवादी और वोक तत्व मीडिया और अकादमी जगत में मौजूद अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर देश की शिक्षा और संस्कृति को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी तो सभी देशवासी मंदिरों में इसका उत्सव मनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करें। भागवत ने मणिपुर के हालात पर कहा कि राज्य में जो हिंसा हुई है, उसे कराया गया है। विदेशी ताकतें इस अशांति और अलगाव का फायदा लेना चाहती हैं। भागवत ने सवाल किया कि क्या दक्षिण पूर्व एशिया की राजनीति का भी इसमें भूमिका हो सकती है? भागवत ने कहा कि ‘जिन आरएसएस कार्यकर्ताओं ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए काम किया, उन पर हमें गर्व है।’
भागवत ने दी नसीहत
सरसंघचालक मोहन भागवत ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग एकता, पहचान और देश के विकास को ध्यान में रखकर वोट करें। भागवत ने कहा कि टूलकिट्स का इस्तेमाल कर हिंसा, नफरत और अविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। भागवत ने लोगों को ऐसी ताकतों से सावधान रहने की हिदायत दी। आरएसएस चीफ ने कहा कि तीन तत्व मातृभूमि के प्रति समर्पण, अपने पूर्वजों के प्रति गर्व और साझा संस्कृति, हमें भाषा, धर्म, वर्ग, जाति आदि की विविधता के बावजूद एक देश बनाते हैं। केंद्र सरकार के सफल जी20 आयोजन की भी मोहन भागवत ने तारीफ की और कहा कि वैश्विक मंच पर भारत को एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित किया गया।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया कट्टरवाद, अराजकता और धार्मिक अलगाववाद का सामना कर रही है। हितों के टकराव और उग्रवाद के चलते ही यूक्रेन या गाजा पट्टी में जारी संघर्ष का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।