Rohatas News : बुधवार की दोपहर को नासरीगंज-दाउदनगर सोन पुल के दो पिलरों के बीच एक 12 साल का बच्चा फंस गया। बच्चे को बुधवार से पिलर से निकालने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन 22 घंटे बाद भी रेस्क्यू पूरा नहीं हो सका है।
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सोन नदी पुल के पाया संख्या एक में फंसे रंजन कुमार को 22 घंटे बाद भी नहीं निकला जा सका है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम ने पिलर में छेद कर रंजन को निकालने का प्रयास किया लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। बच्चे का नाम रंजन कुमार बताया जा रहा है। पिता ने बताया है कि उनका बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है।
होश में है बच्चा
रंजन पिलर के अंदर पूरी तरह होश में है। पाइप के सहारे मासूम को ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। मौके पर लोगों की भीड़ इक्ट्ठा हो गई है। लोग बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
पाइप से पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन (Rohatas News)
नासरीगंज के बीडीओ मोहम्मद जफर इमाम ने बताया कि प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। रात पौने तीन बजे से एनडीआरएफ की टीम भी बच्चे को निकालने में लगी है। अबतक ऑक्सीजन के 35 सिलेंडर दिए जा चुके हैं। पूरा प्रयास बच्चे को बिना नुकसान पहुंचे बाहर निकालने का है।
दो दिन से घर से लापता था रंजन
पिता ने बताया कि उनका बेटा दो दिन से घर से गायब था। उसकी तलाश की जा रही थी। इसी दौरान बुधवार को दोपहर बाद पुल से गजर रही एक महिला ने लड़के को पिलर में फंसे देखा और वह रो रहा था। जिसके बाद महिला ने उसके परिजनों को सूचना दी।
मौके पर बीडीओ, एसएचओ पहुंचे
परिजनों के साथ बीडीओ मो. जफर इमाम, सीओ अमित कुमार, थानाध्यक्ष सुधीर कुमार समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए। बुधवार शाम तक एसडीएम उपेंद्र पाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों को शीघ्र रेस्क्यू कर बच्चे को बाहर निकालने का निर्देश दिया। एसडीआरएफ की टीम बुधवार शाम को मौके पर पहुंची। हालांकि, गुरुवार सुबह तक बच्चे को नहीं निकाला जा सका है। पुल के पिलर में छेद कर मासूम को निकालने का प्रयास जारी है।
एनडीआरएफ टीम के अनुसार, बच्चे को रेस्क्यू करने में कितना समय लग सकता है, यह बताना मुश्किल है। जहां बच्चा फंसा है, वहां तक होल के माध्यम से पहुंचना भी मुश्किल है। फिर भी प्रयास है कि वह बिना किसी खरोंच के सुरक्षित निकल जाए।
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