वाराणसी PM Modi in Varanasi शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी दौरे पर पहुंचे। अपने इस दौरे में वह कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और कई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। बता दें कि सुबह वह बाबतपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के जरिए पुलिस लाइन पहुंचे और वहां से काफिले के साथ रुद्राक्ष सेंटर पहुंचे। यहां वन वर्ल्ड टीबी समिट का शुभारंभ करने के बाद वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए रवाना हो गए।
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PM Modi in Varanasi Updates (PM Modi in Varanasi)
पीएम नरेंद्र मोदी रुद्राक्ष कन्वर्सेशन सेंटर सिगरा की तरफ से निकले, मलदहिया चौराहा पर पीएम की गाड़ी हल्की धीमी हुई उन्होने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। लोगों ने हर-हर महादेव के नारे लगाए। यहां पीएम का काफिला तेलियाबाग चौराहे से संपूर्णानंद विश्वविद्यालय की तरफ रवाना हुआ।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि टीबी हारेगा, भारत जीतेगा… आपने कहा कि टीबी हारेगा, दुनिया जीतेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को एक बार एक लेप्रोसी के उद्घाटन के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि मैं उद्घाटन के लिए नहीं जाऊंगा। मुझे तो खुशी तब होगी जब इस लेप्रोसी अस्पताल पर ताला लगाने के लिए बुलाया जाएगा।
पीएम ने कहा कि वर्ष 2001 में जब मुझे गुजरात के लोगों ने सेवा का अवसर दिया। तब मुझे लगा कि गांधी जी का एक सपना अधूरा रह गया है। हमने उस पर काम किया और लेप्रोसी अस्पताल पर ताला लगाया। ठीक उसी तरह टीबी को देश से मुक्त करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है।
उन्होंने कहा कि इसमें जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। टीबी के मरीजों में जागरूकता की कमी है। हमने उनको जागरूक करना होगा। काशी में बीते कुछ वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत विकास हुआ है। अब लोगों को इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं। जनऔषधि केंद्र से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही है। भारत हर देश के साथ टीबी के लिए कंधे से कांधा मिलाकर खड़ा है। मैं आपका आभारी हूं कि इस कार्यक्रम में आने के लिए आपने मुझे आमंत्रित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट के जरिये भारत एक नया संकल्प पूरा कर रहा है। भारत का यह प्रयास टीबी के खिलाफ वैश्विक है। पिछले 9 वर्ष में भारत टीबी के लिए जनभागीदारी, इलाज के लिए नई रणनीति, नई तकनीक जैसे खेलो इंडिया, योग। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है जनभागीदारी। भारत में टीबी को स्थानीय भाषा में क्षय कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने काशी के पांच लोगों को गोद लिया। टीबी मरीजों के पोषण के लिए वर्ष 2018 में डीबीटी के लिए 2000 करोड़ उनके बैंक खाते में भेजे गए। इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी इलाज से छूटे नहीं इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम शुरू किया है। उन मरीजों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ा है। लैब की संख्या बढ़ाई है। इस कड़ी में आज हम टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा कर रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत अब तीन महीने ही मरीजों को दवा लेनी होगी। इससे मरीजों को सुविधा मिलेगी। मरीजों को ट्रैक करने के लिए आईसीएमआर के साथ मिलकर निक्षय पोर्टल बनाया गया है।
PM ने बताया कि इन प्रयासों के कारण आज भारत में मरीजों की संख्या कम हो रही है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर राज्य को टीबी से मुक्त करने के लिए पुरस्कार दिया गया है। भारत 2025 तक टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है। जबकि विश्व में इसका लक्ष्य 2030 तक है। कोविड काल से ही हम स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हैं। आज टीबी के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि काशी नगरी वह शाश्वत धारा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।
वाराणसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का जो संकल्प दिया था आज हम उसके नजदीक पहुंच चुके हैं। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के देश 21% टीबी के मरीज पाए जाते हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि जब किसी महामारी के आने पर स्वदेशी वैक्सीन बनाया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की 40 करोड़ जनता को मुफ्त में वैक्सीन लगाया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश टीबी बीमारी की रोकथाम के लिए विभिन्न केंद्रों पर डॉट्स का वितरण किया जा रहा है। इन्सेफलाइटिस और एक्यूट इन्सेफलाइटिसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में संचारी रोग के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जो माडल बनेगा।
इन परियोजनाओं का शिलान्यास (PM Modi in Varanasi)
: अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे
: नमामि गंगे से प्रस्तावित भगवानपुर एसटीपी
: सिगरा स्टेडियम की फेज 2 और 3 का कार्य
: पेयजल स्कीम
: भरथरा पीएचसी
: एलईडी पैकेट यूनीपोल
: फ्लोटिंग जेट्टी व चेंजिंग रूम
: सेवापुरी में स्थापित एचपीएल बॉटलिंग प्लांट
जनता को समर्पित होंगी ये परियोजनाएं
: शहरी क्षेत्र में हुए सड़क आदि कार्य
: राजघाट प्राइमरी स्कूल का पुनर्विकास
: महमूरगंज कंपोजिट विद्यालय का पुनर्विकास
: वाराणसी में तलाब और पार्क का सुंदरीकरण
: पेयजल आपूर्ति ट्रांस वरुणा परियोजना
: भेलूपुर पेयजल स्टेशन परिसर में मेगा वाट सोलर पावर प्लांट
: कोनिया पंपिंग सब स्टेशन पर सोलर प्लांट
: पीएसी भुल्लनपुर मल्टीपरपज हॉल
: पुलिस लाइन में ओवरहेड टैंक
: फूलपुर स्थित पुलिस स्टेशन परिसर में 40 कमरे का निर्माण कार्य
: बड़ागांव पुलिस स्टेशन परिसर में 32 कमरे का निर्माण
: रोहनिया पुलिस स्टेशन परिसर में 32 कमरे का निर्माण
: ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल स्कीम
: बाबतपुर एयरपोर्ट पर एटीसी टावर
: कारखियांव में पैक हाउस का निर्माण
: सारनाथ में सीएससी
: सर्किट हाउस में न्यू ब्लॉक
: चांदपुर इंडस्ट्रियल स्टेट इंटरलॉकिंग समेत अन्य कार्य
: अंतर गृह परिक्रमा पथ
: लटिया गांव में सिंचाई विभाग की ओर से निर्मित फ्लैपर गेट का निर्माण
: जाल्हुपुर में पशु शवदाह गृह का निर्माण
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