पुलिस की वर्दी में बेटी के घर पहुंचा ‘नटवरलाल’ महेश शाह

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mahesh shah
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पुलिस की वर्दी में बेटी के घर पहुंचा ‘नटवरलाल’ महेश शाह:तेरह हजार आठ सौ साठ करोड़ रुपये का काला धन डिस्क्लोज करने के बाद उससे पलट जाने वाले महेश शाह पर न सिर्फ आयकर विभाग मेहरबान है, बल्कि अब अहमदाबाद पुलिस भी उसकी खातिर करने में लग गई है. आज सुबह जब आयकर विभाग ने बिना पूछताछ पूरी किये हुए उसे जाने दिया, तो वो आम आदमी की तरह नहीं गया, बल्कि अहमदाबाद पुलिस की मदद के साथ गया. इसका खुलासा हुआ उस तस्वीर के साथ, जो तब खींच गई, जब महेश शाह को उसकी बेटी के घर लेकर पहुंची अहमदाबाद पुलिस.

मीडिया को गेट पर ही रोक दिया गया

आनंदनगर पुलिस थाना के अंदर आने वाले सातत्य अपार्टमेंट में पड़ोसियों की तरफ से खींची गई इस तस्वीर में महेश शाह पुलिस की वर्दी में दिखा. नीचे से लेकर उपर तक खाकी में, यहां तक कि पुलिस की टोपी भी पहने. यहां से शाम चार बजे के करीब अहमदाबाद पुलिस की गाड़ी में बैठकर ही वो अपने घर पहुंचा. घर पर भी पुलिस ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि महेश शाह को कोई परेशानी नहीं हो. मीडिया को गेट पर ही रोक दिया गया और महेश शाह को आराम से उसके फ्लैट में लेकर जाया गया.

वीआईपी ट्रीटमेंट

महेश शाह को मिल रही वीआईपी ट्रीटमेंट और उसे पुलिस की वर्दी पहनाने के बारे में पूछा गया, तो पुलिस अधिकारियों का जवाब था कि उसे सुरक्षा देने के लिहाज से ऐसा किया जा रहा है. ये बात अहमदाबाद के सैटेलाइट थाना के पुलिस इंस्पेक्टर एम यू मसी ने कही.

सवाल उठता है कि अहमदाबाद पुलिस की निगाह में महेश शाह अपराधी है या पीड़ित. जो शख्स आयकर अधिकारियों के सामने तेरह हजार आठ सौ साठ करोड़ रुपये का काला धन डिक्लेयर करता हो और फिर उससे पलट जाता हो, क्यो वो अपराधी नहीं. आयकर कानून के हिसाब से ये अपराध है और इसमें अपराधी को सात साल तक की सजा हो सकती है. तो फिर सवाल ये उठता है कि आखिर महेश शाह के मामले में इतनी नरमी क्यों बरती जा रही है, वो भी तब जब वो खुद ये कह चुका है कि वो कुछ रसूखदार नेताओं, अधिकारियों और व्यवसायियों का काला धन सफेद करने के लिए फ्रंट के तौर पर सामने आया था कमीशन के एवज में.

पुलिस आखिर किसके इशारे पर ऐसा कर रही है

अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में सत्य जानने की जगह उसे सहूलियत देने का ही काम किया है अभी तक. सवाल उठता है कि अगर मामला महेश शाह की सुरक्षा का है, तो उसे क्या पुलिस की वर्दी पहनाना ही सबसे पुख्ता उपाय है. क्या आगे से अहमदाबाद पुलिस हर अपराधी को पुलिस की वर्दी ही पहनाएगी, जिसे जान को खतरा हो. खाकी को अपनी हरकत से शर्मसार करने वाली अहमदाबाद पुलिस आखिर किसके इशारे पर ऐसा कर रही है, अब ये सवाल भी गहराने लगा है. सवाल ये भी है कि क्या राज्य सरकार ऐसे पुलिस अधिकारियों के सामने कोई कार्रवाई करेगी, जो एक भ्रष्टाचारी को बचाने में लगे हैं, उसके सामने कार्रवाई या जांच करने की जगह.

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