मुंबई धमाकों के मामले में टाडा अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत पांच लोगों को सजा सुना दी है. कुछ समय पहले सलेम ने मुंबई की एक अदालत में याचिका दायर करके शादी के लिए पैरोल या अस्थाई जमानत देने की गुहार लगाई थी. दरअसल, सलेम फिर से निकाह करना चाहता था.
इस संबंध में अबू सलेम ने दो उच्च न्यायालयों का हवाला देते हुए दावा किया था कि दोषियों को शादी करने के लिए इस तरह की राहत दी जा सकती है. कोर्ट ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा था.
अबू सलेम की वकील फरहाना शाह ने बताया कि हमने अदालत को दो मामलों का हवाला दिया है, एक बंबई उच्च न्यायालय और दूसरा दिल्ली उच्च न्यायालय का, जिसमें कहा गया कि किसी व्यक्ति को शादी के लिए जमानत या पैरोल दी जा सकती है. सलेम ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उसे मैरिज रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाने की अनुमति दी जाए.
चलती ट्रेन में किया था निकाह
हालांकि इससे पहले भी 8 जनवरी 2014 को पेशी के लिए लखनऊ जाते वक्त अबू सलेम ने चलती ट्रेन में मुंबई की रहने वाली 25 वर्षीय लड़की हिना से निकाह किया था. उनका निकाह मुंबई के एक काजी ने फोन पर पढ़ा था. इस निकाह के गवाह अबू के भतीजे रशीद अंसारी और मुंबई पुलिस के जवान बने थे.
आपको बता दें कि वह लड़की सलेम से 20 साल छोटी है और उसका बिजनेस संभालती है. गौरतलब है कि अबू सलेम ने 1991 में मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहने वाली 17 वर्षीय समीरा जुमानी से शादी की थीl
समीरा ने दो बच्चों को जन्म दिया था. इस वक्त समीरा जॉर्जिया, अमेरिका में रहती है. उसने वहां जाने के लिए सबीना आजमी नाम से एक फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. अब वह इसी नाम से वहां रहती है. उसका नाम नेहा भी है.
बताया जाता है कि समीरा से अलग होने के बाद अबू सलेम ने बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी से दूसरी शादी कर ली थी. हालांकि समीरा से उसके तलाक की बात अभी तक सामने नहीं आई है. सलेम का जन्म 1960 के दशक में यूपी के आजमगढ़ जिले में सराय मीर नामक गांव में हुआ था. उसका पूरा नाम अबू सलेम उर्फ अब्दुल कय्यूम अंसारी है.
ताहिर और फिरोज को फांसी, अबु सलेम व करीमुल्लाह को उम्रकैद
मुंबई। मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषियों की सजा का एलान कर दिया है। ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद को फांसी की सजा सुनाई गई है। वहीं अबु सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
हथियार सप्लाई के आरोपी करीमुल्लाह खान को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 2 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं एक अन्य आरोपी रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। पूरी सुनवाई के दौरान अबू सलेम सहित सभी दोषी अदालत में मौजूद रहे।
गौरतलब है कि मुंबई में हुए इन 13 बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 12 मार्च 1993 को हुए इन धमाकों के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम और मुस्तफा डोसा मुख्य आरोपी थे। टाडा कोर्ट ने सलेम सहित पांच लोगों को सजा सुनाई है।
इससे पहले कोर्ट ने अबु सलेम और 5 आरोपियों को दोषी माना, जबकि मामले में सातवें आरोपी अब्दुल कय्यूम को पर्सनल बॉन्ड पर बरी कर दिया गया था।
दोषी मुस्तफा डोसा की हो चुकी है मौत
मामले की सुनवाई में कोर्ट ने हत्या और साजिश के आरोप में अबु सलेम, मुस्तफा डोसा, उसके भाई मोहम्मद डोसा, फिरोज अब्दुल राशिद और ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह
शेख को दोषी करार दिया था। बता दें कि दोषी मुस्तफा डोसा की इसी साल 28 जून को कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत हो चुकी है।
कोर्ट ने अबु सलेम को मुंबई ब्लास्ट की साजिश रचने का दोषी पाया था। अबू सलेम पर हमले में हथियार और विस्फोटक मुंबई में लाने दोष साबित हुआ है। सुनवाई के दौरान जज ने ये भी कहा था कि सरकारी पक्ष ने अपने आरोप साबित कर दिए हैं। कोर्ट के फैसला के बाद सरकारी वकील डीएन साल्वी ने केस से जुड़ी कई जानकारियां दी। उन्होंने बताया था कि विस्फोट का सारा सामान अबु सलेम की देख-रेख में आया था।
दाऊद ने दहलाया था मुंबई, सलेम ने संजय दत्त को दिये थे एके – 56 व बम-बारूद
मुंबई की टाडा अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आज ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा सुनाई तथा प्रत्यर्पित करके भारत लाए गए गैंगस्टर अबु सलेम को उम्रकैद की सजा सुनायीl
अदालत ने सलेम के अलावा इस मामले के संबंध में करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद की सजा सुनायी. विशेष टाडा अदालत ने धमाकों के 24 साल बाद जून में इस मामले में मास्टरमाइंड मुस्तफा दोसा और सलेम समेत छह लोगों को दोषी ठहराया था. देश की वित्तीय राजधानी में हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे. इस ब्लास्ट के पीछे मुख्य रूप से अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की भूमिका थी.
बहरहाल, अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपी अब्दुल कयूम को छोड़ दिया. यह मुकदमे का दूसरा चरण था. सभी सातों आरोपी कई आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें आपराधिक षडयंत्र, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना और हत्या के आरोप शामिल हैं.
अदालत ने पहले कहा था कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित किया कि सलेम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था और उसने अभिनेता संजय दत्त को तीन एके-56 राइफल, गोला बारूद और हथ गोले दिए थे.
संजय दत्त को बाद में शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था. अदालत ने पहले कहा था कि दाउद के भाई अनीस इब्राहिम और दोसा का करीबी रहा सलेम दिघी से मुंबई खुद हथियार और गोला बारद लेकर आया था.
अदालत ने कहा था, ‘ ‘यह इस साजिश की महत्वपूर्ण बात थी ताकि भारत के निर्दोष नागरिकों को आतंकित करने और उन्हें यातनाएं देने के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकें. ‘ ‘ अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज अब्दुल राशिद खान, रियाज सिद्दिकी, ताहिर मर्चेंट और अब्दुल कयूम के मुकदमे मुख्य मामले से अलग चलाए गएl
1993 में हुए सीरियल बम धमाकों और मुंबई में चले मुकदमे का घटनाक्रम
12 मार्च,1993 को सिलसिलेवार तरीके से हुए 12 बम धमाकों की घटना के 24 साल बाद आज एक विशेष टाडा अदालत ने मुकदमे के दूसरे चरण में दो दोषियों को सजा-ए-मौत और अबु सलेम सहित अन्य दो अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई. विस्फोट की इन घटनाओं में 257 व्यक्ति मारे गये थे. इस पूरे मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है जिसमें मुख्य मुकदमा वर्ष 2007 में खत्म हुआ था. इस मामले में सात अभियुक्तों का मुकदमा अलग कर दिया गया था जिसमें से छह को 16 जून को दोषी करार दिया गया था.
12 मार्च,1993 : इस दिन 12 बम विस्फोटों से मुंबई दहल गयी थी. 257 लोगों की जान गयी थी और 713 अन्य घायल हुए थे.
19 अप्रैल, 1993 : बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त (अभियुक्त संख्या 117 ) की गिरफ्तारी हुई.
4 नवंबर, 1993 : संजय दत्त सहित 189 आरोपियों के खिलाफ 10,000 से अधिक पन्नों का पहला आरोप-पत्र दाखिल किया गया.
19 नवंबर, 1993 : मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी.
10 अप्रैल, 1995 : टाडा अदालत ने 26 आरोपियों को आरोप मुक्त किया. शेष अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय. उच्चतम न्यायालय ने दो अन्य अभियुक्तों को आरोप मुक्त किया. इनमें ट्रैवल एजेंट अबु असीम आजमी (समाजवादी पार्टी के नेता) और अमजद मेहर बख्श शामिल थे.
19 अप्रैल, 1995 : मुकदमे की सुनवाई का पहला चरण शुरू हुआ.
18 सितंबर, 2002 : पुर्तगाल के लिस्बन में अबु सलेम की गिरफ्तारी.
20 मार्च, 2003 : सीबीआई ने अभियुक्त मुस्तफा दोसा को दुबई से लौटने पर नयी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया.
सितंबर, 2003 : मुख्य मुकदमे की सुनवाई पूरी. मुंबई की टाडा अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा.
नौ जनवरी, 2004 : दोसा के खिलाफ आरोप तय किए गए.
11 नवंबर, 2005 : सलेम को भारत प्रत्यर्पित किया गया.
नौ दिसंबर, 2005 : सलेम के खिलाफ आरोप तय.
13 जून, 2006 : अबु सलेम के मुकदमे को अलग किया गया.
12 सितंबर, 2006 : टाडा अदालत के न्यायाधीश पी.डी कोडे ने फैसला सुनाना शुरू किया. मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी ठहराया और तीन को बरी कर दिया. बाद में, 12 दोषियों को मौत की सजा और 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गयी. अन्य दोषियों को अलग-अलग अवधि की सजा दी गयी.
फरवरी 2007 : मुख्य मुकदमा खत्म हुआ. मुकदमे के दूसरे चरण में सात अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई शुरू.
16 मार्च, 2013 : उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि बरकरार रखने पर संजय दत्त ने अदालत में आत्मसमर्पण किया.
21 मार्च, 2013 : उच्चतम न्यायालय ने टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार रखी और 10 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली. साथ ही 18 में से 16 दोषियों की उम्रकैद की सजा भी बरकरार रखी.
13 अगस्त, 2013 : टाडा अदालत ने सलेम के खिलाफ कुछ आरोपों को हटा दिया जिनसे पुर्तगाल के साथ प्रत्यार्पण संधि का उल्लंघन हुआ था.
30 जुलाई, 2015 : मुख्य साजिशकर्ता और मामले में फांसी की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी, याकूब मेमन को फांसी दी गयी.
सात दिसंबर, 2015 : मुकदमे की सुनवाई के दूसरे चरण में अंतिम बहस शुरू.
आठ जून, 2016 : अदालत ने आरोपी फिरोज अब्दुल राशिद की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि वह ‘सरकारी गवाह ‘ बनना चाहता है.
मार्च 2017 : सुनवाई पूरी हुई.
16 जून, 2017 : टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनप ने सलेम और दोसा सहित छह अभियुक्तों को दोषी ठहराया और एक को बरी किया.
28 जून, 2017 : मुंबई अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से दोसा की मौत हो गयी.
सात सितंबर, 2017 : अदालत ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा, अबु सलेम और करीमुल्लाह खान को उम्रकैद और रियाज सिद्दीकी को 10 साल कैद की सजा सुनायी.