Kanhaiyalal Murder Case : उदयपुर कन्हैयालाल हत्या कांड मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने सह आरोपी जावेद को जमानत दी है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने जावेद को यह राहत प्रदान की। मामले में जावेद पर आरोप था कि उसने मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रची थी, लेकिन हाईकोर्ट ने साक्ष्यों और सुनवाई के आधार पर उसकी जमानत याचिका मंजूर कर ली। कोर्ट ने यह माना कि जावेद के खिलाफ सबूत अपर्याप्त हैं और उसे हिरासत में रखना जरूरी नहीं है।
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बचाव पक्ष के वकील ने दी ये दलीलें
राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट सैयद सआदत अली का कहना है कि वारदात के बाद प्रारंभिक जांच में जावेद को इस बात का दोषी माना गया कि उसने हत्याकांड के मुख्य आरोपियों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को कॉल करके कन्हैयालाल के बारे में सूचना दी थी। बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल को आधार बनाते हुए दोषी मान लिया जबकि जहां वारदात हुई। उस बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
एनआईए ने कोई फुटेज साक्ष्य के तौर पर चार्जशीट के साथ पेश नहीं किए। कन्हैया लाल की दुकान और जावेद की दुकान के बीच कितनी दूरी है, इसका उल्लेख भी चार्जशीट में नहीं है। यहां तक कि जावेद की मोबाइल लोकेशन भी पेश नहीं की गई। केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी माना जाना न्यायोचित नहीं है।
कन्हैयालाल की हत्या जून 2022 में हुई
कन्हैयालाल की हत्या (Kanhaiyalal Murder Case) जून 2022 में हुई थी, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। आरोपियों पर आरोप था कि उन्होंने धार्मिक आस्था को लेकर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या की। जावेद के खिलाफ गंभीर आरोप थे, लेकिन अदालत ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया।
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