नई दिल्ली। Delhi Election 2020: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके कहा है कि दिल्ली चुनाव के दौरान बैनर और हॉर्डिंग्स में प्लास्टिक का इस्तेमाल ना हो। इस संबंध में एडविन विलसन नाम के एक शख्स ने याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट नें केंद्र और भारतीय निर्वाचन आयोग को आदेश जारी कर चुनाव प्रचार के दौरान हॉर्डिंग्स और बैनर समेत अन्य कैंपिग सामग्रियों में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है।
ये दल लेंगे हिस्सा
गौरतलब है कि इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के अलावा बिहार में सत्तासीन जनता दल युनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल भी भाग लेगी। जदयू नेता संजय झा के मुताबिक उनकी पार्टी 70 विधानसभा सीटों में से आधी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं RJD ने उम्मीदवारों की संख्या को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में 25 से 30 सीटों पर पूर्वांचल और बिहार के रहने वाले लोगों का प्रभाव है ऐसे में सभी पार्टियां इन सीटों पर ज्यादा जोर लगा रही हैं।
जारी हुआ चुनाव का शेड्यूल
भारतीय निर्वाचन आयोग ने दिल्ली चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया है, इसके मुताबिक अधिसूचना 14 जनवरी, 2020 को जारी की जाएगी, उम्मीदवारों को नामांकन जमा करने के लिए 21 जनवरी, 2020 तक का समय दिया गया है, वहीं 22 जनवरी को नामांकन की छंटनी की जाएगी। इसके बाद नामांकन वापसी 24 जनवरी को की जाएगी और प्रचार समाप्ति 06 जनवरी को होगी। इसके अलावा विभिन्न पोलिंग बूथों पर 08 फरवरी मतदान होगा और परिणाम 11 फरवरी को जारी किए जाएंगे जिसके बाद 22 फरवरी, 2020 को नई विधानसभा का गठन किया जाएगा।
13757 पोलिंग बूथों पर होगी वोटिंग
इस बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। इसके लिए दिल्ली में कुल 13757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। इस साल कुल 1.47 करोड़ वोटर अपने मत का इसंतेमाल करेंगे। वहीं चुनाव प्रक्रिया के लिए कुल 90,000 कर्मचारियों को लगाया जाएगा।
पिछली बार 07 फरवरी को हुए चुनाव
बता दें कि सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। इसके मुताबिक दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 08 फरवरी से वोटिंग होगी जबकि नतीजे 11 फरवरी को जारी कर दिया जाएंगा। इससे पहले 2015 में हुए दिल्ली चुनाव 07 फरवरी को शुरू हुए थे और 10 फरवरी को नतीजे आए थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों जीतकर दिल्ली की सत्ता पाई थी। वहीं बाकी तीन सीटें भारतीय जनता पार्टी के पाले में गई थीं, जबकि कांग्रेस तो अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी।