कोच्ची। दुनिया के लगभग 25 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने से चीन में अबतक 492 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से आधे से ज्यादा वुहान से हैं। केरल में भी कोरोना वायरस के 3 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इन तीनों लोगों का ही कनेक्शनचीन के वुहान से है।
मेडिकल छात्रों की पसंद वुहान
दरअसल वुहान एजुकेशन का हब माना जाता है। केरल के छात्रों की के बीच मेडिकल की पढ़ाई को लेकर ये काफी लोकप्रिय है। यहां अंग्रेजी भाषा में होने वाली पाढ़ाई और सस्ती दर पर मिलने वाली सुविधाओं से प्रभावित होकर ज्यादातर छात्र वुहान की यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन का रुख करते हैं।
चीन के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान
वुहान, चीन की राजधानी बीजिंग से लगभग एक हजार किमी और महानगर शंघाई से 800 से अधिक किमी की दूरी पर स्थित है। वुहना चीन का ऐतिहासिक शहर है और 20 वीं सदी के इतिहास में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।
अंतरराष्ट्रीय मानक पर एजुकेशन
वहीं, वुहान से केरल लौटे एक छात्र ने कहा, मैं वुहान यूनिवर्सिटी में मेडिकल एजुकेशन सिस्टम को लेकर बहुत खुश हूं। वे सस्ती दर पर क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करते हैं। वुहान में एमबीबीएस की तीसरे वर्ष की छात्रा एश्वर्या हरिहरन जनवरी में वुहान से लौटी हैं। उनके अनुसार, वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन अपने अंतरराष्ट्रीय मानक के कारण केरल से एमबीबीएस के छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
वुहान में पढ़ते हैं केरल के 500 छात्र
छात्रों ने दावा किया कि वुहान विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यहां के संस्थान की सुविधाएं भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हैं। छात्रों ने कहा कि केरल के लगभग 500 छात्र वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में एमबीबीएस का कोर्स कर रहे हैं।