समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नोएडा को लेकर अपने अंधविश्वास पर कायम हैं। आज लखनऊ पब्लिक स्कूल में मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम में उन्होंने बिना सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम लिए ही कहा कि हमने नोएडा न जाने की सलाह दी थी, लेकिन वह नहीं माने। अब नतीजा (तीन लोकसभा व एक विधानसभा में हार) सभी के सामने है। इसके साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के सीताजी पर बयान पर भी तंज कसा।
लखनऊ पब्लिक स्कूल में आज मेधावी विद्यार्थियों करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी फुल फार्म में थे। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सरकार के कार्यकाल में सभी मेधावियों को लैपटॉप देकर सम्मानित किया था। यह काम योगी आदित्यनाथ सरकार नहीं कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चंद रोज पहले हमने कुछ मेधावियों को लैपटॉप बांटा।
कितनों को मिला लैपटॉप
प्रदेश में हमारी सरकार होती तो हर मेधावी के हाथ में लैपटॉप होता। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में जिन्होंने हमें भला बुरा कहा उन्हें याद दिलाने के लिए हमने उनसे पहले लैपटॉप बांटा। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने घोषणा पत्र में लैपटॉप देने की बात कही थी। केंद्र के चार तथा प्रदेश सरकार के दो बजट जारी हो गए हैं, आप बताइए कितनों को लैपटॉप मिला।
अखिलेश यादव ने नोएडा जाने के अपने अंधविश्वास पर बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए कहा कि मैं तो इनको कहता था नोएडा मत जाओ मत जाओ, लेकिन नहीं माने। नतीजा सामने है। वाहवाही में चले तो गए लेकिन गोरखपुर और फूलपुर के बाद अब कैराना और नूरपुर की जनता ने इनको समझ लिया। उन्होंने कहा कि राजनीति की बातें अधिक नहीं करनी चाहिए क्योंकि कुछ लोगों को बुरा लगता है। अखिलेश ने कहा कि यह लोग कहते हैं सैफई में सारा विकास हुआ। मैं उनकी बात से सहमत हूं, लेकिन मैं कहता हूं जो अपने गांव और शहर को भूल जाये उससे खराब व्यक्ति कोई नहीं।