नई दिल्ली। Chinese Foreign Minister Wang Yi: भारत दौरे पर पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) अपने समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की है। इससे पहले, उन्होंने आज सुबह देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। वांग यी शुक्रवार सुबह एनएसए अजीत डोभाल के साउथ ब्लाक स्थित ऑफिस उनसे मिलने पहुंचे थे। बता दें कि चीनी विदेश मंत्री गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे थे।
CM Bhagwant Mann: का बड़ा फैसला, अब विधायकों को मिलेगी सिर्फ एक पेंशन
जयशंकर ने वांग यी के साथ हुई बातचीत का ब्योरा दिया है। उन्होंने कहा कि ये मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली और इस दौरान कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप बाधित हुई। एलएसी पर वर्तमान स्थिति को मैं एक ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ कहूंगा। हालांकि यह धीमी गति से हो रहा है। इसे आगे ले जाने की आवश्यकता है।
चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं
जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 1993-96 के समझौतों का उल्लंघन हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों की मौजूदगी है। इसको देखते हुए हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं।
चीन में पढ़ रहे छात्रों को लेकर भी हुई बात
जयशंकर ने ये भी बताया कि मुलाकात के दौरान मैंने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की दुर्दशा को भी दृढ़ता से रखा, जिन्हें कोविड प्रतिबंधों का हवाला देते हुए वापस जाने की अनुमति नहीं है। हमें उम्मीद है कि चीन भेदभाव रहित रुख अपनाएगा क्योंकि इसमें कई युवाओं का भविष्य शामिल है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मुझे आश्वासन दिया कि वापस जाने के बाद इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मेडिकल छात्रों की विशेष चिंताओं को भी समझा।
ओआईसी में चीन की प्रतिक्रिया का भी हुआ जिक्र
ओआईसी सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पर पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा कि मैंने इसका जिक्र किया है। मैंने उन्हें समझाया कि हमें वह बयान आपत्तिजनक क्यों लगा। यह एक ऐसा विषय था जिस पर कुछ देर तक चर्चा हुई। एक बड़ा संदर्भ भी था। मैंने बताया कि हम आशा करते हैं कि चीन भारत के संबंध में एक स्वतंत्र नीति का पालन करेगा और अपनी नीतियों को अन्य देशों और अन्य संबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा।
बता दें कि भारत दौरे से पहले वांग यी ने पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) की बैठक में हिस्सा लिया था। वांग यी ने कश्मीर पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। वांग यी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर हमने एक बार फिर कई इस्लामी देशों की बात सुनी। इसको लेकर चीन की भी ये इच्छा है।
भारत ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
वांग यी के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी जताई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने वांग यी के जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान को गैर-जरूरी बताते हुए इसे खारिज कर दिया था। बागची ने कहा कि चीन समेत किसी भी देश को कश्मीर मसले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। हम पाकिस्तान में ओआईसी परिषद के उद्घाटन समारोह में भाषण के दौरान कश्मीर मसले पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को अस्वीकार करते हैं।
जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है। बागची ने यह भी कहा कि चीनी विदेश मंत्री को ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मसलों पर सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करता है।
Yogi Oath Ceremony 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शपथ लेंगे 50 मंत्री