नई दिल्ली। चीन एक अक्टूबर को अपना 70वां राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। इसी बीच तिब्बती युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने स्टाप किलिंग इन तिब्बत के नारे वाले पोस्टर भी दिखाए गए। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एस बस में चढ़कर झंड़े दिखाते हुए प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने बाद में इन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन
दरअसल, 10 मार्च 1959 में चीन ने पश्चिम और मध्य तिब्बत पर हमला कर दिया था। अप्रैल में 1959 में हजारों तिब्बती समुदाय के लोग भारत में आए गए थे। इन्हें केंद्र की ओर से आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। हर साल समय-समय पर तिब्बीत की आजादी के लिए ये लोग प्रदर्शन करते रहते हैं।
केंद्र सरकार कर रही खास ध्यान
केंद्र सरकार तिब्बतियों की संस्कृति व मूल्यों की रक्षा के लिए खास ध्यान दे रही है। इसी के लिए गृह मंत्रालय ने 2015-16 में केंद्रीय तिब्बती रिलीफ कमेटी को आठ करोड़ रुपये का फंड जारी किया। इतना ही नहीं इनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा, वर्दी, खाना, छात्रावास, बस पास दिया जाता है।
चीन सरकार के लिए ये वर्ष बेहद खास
चीन इस साल एक अक्टूबर को अपना 70वां राष्ट्रीय दिवस मनाने जा रहा है। ये राष्ट्रीय दिवस राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए बहुत खास है क्योंकि एक अक्टूबर, 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना होने के साथ ही देश में कम्युनिस्ट पार्टी शासन के भी सत्तर साल पूरे हो जाएंगे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने पड़ोसी देश उत्तर कोरिया इतिहास बनाने से सिर्फ एक साल पीछे है और दूसरी सबसे संबी सत्ताधआरी पार्टी है।
जानकारी के लिए बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता माओत्से तुंग (माओ) ने जापानी कब्जे के अंत में राष्ट्रवादी पार्टी या कुओमिनटांग के साथ चार साल तक चले गृहयुद्ध के बाद 1 अक्टूबर को 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की थी।