नई दिल्ली। Pegasus case: इजरायली स्पाईवेयर पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह कथित पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती है। केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और इसलिए सरकार ने खुद ही इन आरोपों की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का फैसला किया है।
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इस पीठ में जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली भी शामिल
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ से कहा कि सरकार द्वारा किसी विशेष साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है और इस जानकारी को हलफनामे का हिस्सा बनाना राष्ट्रीय हित में नहीं होगा। इस पीठ में जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली भी शामिल थीं।
सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी बात का खुलासा
Pegasus case: इस पर शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी बात का खुलासा करे। मेहता ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट शीर्ष अदालत के समक्ष रखी जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में सीमित हलफनामा दाखिल कर कहा था कि पेगासस जासूसी के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग संबंधी याचिकाएं अनुमानों या निराधार मीडिया रिपोर्टो या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं।
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