नई दिल्ली। Afghanistan crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बहुत तेजी से खराब होते जा रहे हैं। दुनिया के अमेरिका समेत दूसरे देशों की तरह भारत ने भी वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है। इसी के तहत वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब भारतीय राजदूत समेत 120 से अधिक अधिकारियों को लेकर काबुल से गुजरात के जामनगर पहुंच गया है। कर्मचारियों को कल देर शाम हवाई अड्डे के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था। बता दें कि इससे पहले सोमवार को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब 150 लोगों को लेकर भारत पहुंच गया था।
Almora and Pithoragarh: को रेलमार्ग से जोड़ने की संभावना
भारतीय दूत रुद्रेंद्र टंडन ने खुशी जाहिर करते हुए भारतीय वायुसेना को धन्यवाद दिया
गुजरात के जामनगर पहुंचने के बाद अफगानिस्तान में भारतीय दूत रुद्रेंद्र टंडन ने खुशी जाहिर करते हुए भारतीय वायुसेना को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने अफगानिस्तान के लोगों को छोड़ दिया है, उनका कल्याण और उनके साथ हमारा रिश्ता गहरा है। भारतीय राजदूत ने कहा कि वापस आने वाले भारतीय नागरिक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। हमने सलाह दी है कि ये जरूरी है कि भारतीय नागरिक भारतीय दूतावास में अपना रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि ऐसे वक्त में हम उन्हें वापस ला पाएं।
Afghanistan crisis: तालिबान के कब्जे के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। सऊदी अरब ने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है। न्यूजीलैंड सरकार भी देश से अपने लोगों की निकासी के लिए विमान भेज रही है। रूस और चीन ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं, जबकि अमेरिका अपने दूतावास को बंद करने के साथ ही कर्मचारियों को भी बाहर निकालने में जुटा है।
बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। काबुल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट्स को उड़ान भरने से रोक दिया गया है। एयरपोर्ट के अनियंत्रित घोषित होने के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल के लिए संचालित होने वाली अपनी उड़ान रद कर दी। इसके अलावा विभिन्न एयरलाइनों ने अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग बदल दिया।
अमेरिकी मदद से निकाले गए भारतीय
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल रवाना किया गया था। सूत्रों की मानें तो काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा गया। फिर अमेरिकी बेड़े की मदद से विमान काबुल पहुंचे। वहां से एक विमान ईरानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करके करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा।
Uttrakhand CM: बोले, युवाओं को रोजगार मांगने नहीं, देने वाला बनाना है