देहरादून। उत्तराखंड के छोटे और मझोले कारोबारियों एवं उद्यमियों और सराफा व्यवसायियों को जीएसटी से और राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने इसमें और राहत देने के लिए प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने उत्तराखंड के 20 लाख तक टर्नओवर वाले छोटे और मझोले व्यापारियों, कारोबारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा।
पंत ने बताया कि केंद्र सरकार ने कंपोजिशन स्कीम में टर्नओवर की सीमा 75 लाख रूपये से बढाकर एक करोड रूपये करने, डेढ करोड रूपये तक टर्नओवर वाले कारोबारियों को मासिक रिटर्न भरने से छूट देते हुए उन्हें तिमाही रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने से व्यवसायियों को बडी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में किया गया संशोधन छोटे व्यापारियों के लिए दिवाली से पहले राहत का पैकेज है। पंत ने कहा कि अनब्रांडेड आयुर्वेदिक, स्टेशनरी उत्पादाों, बच्चों के फूड पैकेट, अनब्रांडेड नमकीन में भी टैक्स दरें घटाने से व्यापारियों को लाभ होगा।
पंत ने कहा कि सराफा कारोबारियों की दिवाली भी बेहतर रहेगी। सरकार ने सराफा कारोबारियों को बडी राहत देते हुए 50 हजार की ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर उन्हें त्योहार से पहले खुशियां दी हैं। मनीलॉड्रिंग रोक कानून के दायरे से भी सराफा कारोबारियों को बाहर करने से उन्हें कारोबार करने में आसानी होगी। पंत ने कहा कि उत्तराखंड के छोटे और मझोले व्यवसायियों, उद्यमियों को राहत पहुंचाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक में उत्तराखंड के व्यवसायियों की समस्या को रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 20 लाख रूपये टर्नओवर तक वाले कारोबारियों, उद्यमियों को जीएसटी के दायरे से बाहर किए जाने के लिए उन्होंने प्रस्ताव रखा है।