नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ऑनलाइन बैठक कर रहे हैं। इस मुलाकात में सर्दी के मौसम कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को तब तक रोकने के उपायों पर बात होगी जब तक कि देश में वैक्सीन न उपलब्ध हो जाए। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के करीब 10 राज्यों में कोरोना के नए केस में तेजी आई है साथ ही यहां कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी है।
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सूत्रों का कहना है कि मोदी इन राज्यों से आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने, बाजारों में भीड़ पर नियंत्रण करने, मास्क न पहनने पर भारी जुर्माना लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे उपायों पर जागरूकता बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा ये राज्य भी उन कदमों के बारे में पीएम को ब्रीफ करेंगे जो उन्होंने कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए उठाए हैं।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि
राज्य सरकारों ने फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के डेटा को भी कई कैटेगरीज में बांटा है। इनमें एलोपैथिक डॉक्टर्स, आयुष डॉक्टर्स, अस्पतालों की नर्सें, आशा वर्कर्स और एएनएम शामिल हैं। लेकिन इसका टीकाकरण से कोई लेना-देना नहीं होगा। वैक्सीन पूरे एक करोड़ लोगों को लगेगी, उसमें कोई प्राथमिकता की बात नहीं है। टीकाकरण कार्यक्रम की ट्रेनिंग और लागू कराने में में मेडिसिन और नर्सिंग के स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स को भी शामिल किया जाएगा।
20-25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण हो सकेगा
सरकार को उम्मीद है कि जुलाई 2021 तक उसे 40 से 50 करोड़ डोज मिल जाएंगी। इनकी मदद से 20-25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण हो सकेगा। अक्टूबर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इन लोगों में हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग और ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें अन्य बीमारियां हैं। सरकार अगले साल जुलाई तक इन सभी का टीकाकरण करना चाहती है।
हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटाबेस आज होने वाली एक अहम बैठक से पहले तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैक्सीन को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण भी मौजूद रहेंगे। ये दोनों वैक्सीन पर बने एक्सपर्ट ग्रुप में शामिल हैं। दोनों अधिकारी मीटिंग में एक विस्तृत प्रजेंटेशन के जरिए टीकाकरण अभियान का पूरा खाका सामने रखेंगे। पिछले एक हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी को कई बार वैक्सीन से जुड़ी तैयारियों से रूबरू कराया गया है। राज्य और जिला स्तर पर टेस्ट रन भी हो रहे हैं। कोल्ड चेन्स को बेहतर बनाने और सीरिंग व नीडल्स हासिल करने को लेकर भी मीटिंग्स में चर्चा हुई है।
ऑक्सफर्ड वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल
ऑक्सफर्ड वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल का एनरोलमेंट सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने पूरा कर लिया है। यूके में इस वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल का अंतरिम एनालिसिस जारी कर दिया गया है। अगर वहां इसे इमर्जेंसी अप्रूवल मिलता है तो भारत में भी SII इस ओर आगे बढ़ेगी।भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन Covaxin का फेज 3 ट्रायल अभी शुरू किया है।जायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCov-D का फेज 2 ट्रायल पूरा हो चुका है।रूस की Sputnik V का फेज 2-3 ट्रायल डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज ने शुरू कर दिया है।बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन अभी शुरुआती फेज 1-2 ट्रायल में है।
इन दस राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें
देश भर में कोरोना के नए मामलों के करीब 79 पर्सेंट और 75 पर्सेंट मौते 10 राज्यों में देखी गई हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल में सबसे ज्यादा मामले देखने में आए वहीं दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में हर रोज होने वाले मौतें सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से आने वाले कोरोना के आंकड़े भी चिंताजनक हैं।
यहां भेजी है केंद्र ने अपनी टीम
केंद्र ने यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मणिपुर और छत्तीसगढ़ में अपनी टीमें भेजी हैं। ये टीमें राज्यों में स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईसीयू और ऑक्सिजन बेस्ड बेड की उपलब्धता की समीक्षा करेंगी।
वैक्सीन के भंडारण और वितरण पर होगी बात
मंत्रियों से अपने यहां वैक्सीन के भंडारण के लिए कोल्डस्टोरेज की उपलब्धता और वैक्सीन के वितरण की रणनीति बनाने पर भी बात करें। इससे पहले सितंबर में हुई इसी तरह की बैठक में प्रधानमंत्री ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों से कहा था कि कि वे अपने 60 सर्वाधिक कोरोनाग्रस्त जिलों में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए विशेष प्रयास करें।