आप सोच रहे होंगे बजट का चेतेश्वर पुजारा या ऋषभ पंत से क्या लेना -देना है? सीधे तौर पर नहीं है पर आजकल दोनों की अलहदा स्टाइल पॉलिटिक्स से लेकर बजट तक में फोकल पॉइंट है। दरअसल पॉलिसि बनाने वालों को लेफ्ट-राइट हैंड के इस कॉम्बिनेशन ने एप्रोच को लेकर सीख दी है। और यही बात बजट से पहले चीफ इकॉनमिक एडवाइजर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने की थी। उनका दावा था कि बजट में चेतेश्वर पुजारा का धैर्य और ऋषभ पंत की आक्रामकता दोनों दिखाई देगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पंत नॉन स्ट्राइक पर ही रह गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुजारा के स्टाइल पर ही भरोसा जताया।
उत्तराखण्ड की झांकी में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
किसी बिग बैंग बजट की उम्मीद अगर थी तो अब वो जाती रही। दरअसल जब राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit in Budget 2021) जीडीपी के 9.5 परसेंट पर पहुंच जाए तो पंत वाली बैटिंग स्टाइल के लिए जगह बचती भी नहीं है। हालांकि सुब्रमण्यन ने कहा था कि जब तक गेंद स्विंग करेगी तब तक पुजारा की तरह संभल कर खेला जाएगा और जैसे ही सीम घिसेगी आपको ऋषभ पंत वाली बैटिंग देखने को मिलेगी। पर वित्त मंत्री ने संभल कर ही खेलना ज्यादा सही समझा।
इनकम टैक्स छूट की सीमा कम से कम 50 हजार रुपए बढ़ जाएगी
टैक्स पेयर्स के पसीने को पोंछने की कोशिश नहीं की गई। उम्मीद थी कि स्टैंडर्ड डिडक्शन ( standard deduction limit ), 80सी ( 80 C Income Tax ) या नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में निवेश पर इनकम टैक्स छूट की सीमा कम से कम 50 हजार रुपए बढ़ जाएगी। खास कर तब जब इनकम टैक्स फाइल ( Income Tax Filing ) करने वालों की संख्या कोरोनावायरस (Coronavirus) के बावजूद काफी बढ़ी है। सैलरीड क्लास को उम्मीद थी कि ऋषभ पंत की तरह अटैकिंग मोड में सीतारमण इनकम टैक्स में बड़ी छूट देंगी जिससे इन हैंड सैलरी बढ़ेगी और मार्केट में डिमांड बढ़ेगी। पर रेवन्यू लॉस ने शायद उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
पुजारा का ट्रेडिशनल स्टाइल
वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छूट देने के बदले कैपिटल एक्सपेंडीचर बढ़ाने पर ही भरोसा दिखाया। उनको उम्मीद है कि 2021-222 में 35 लाख करोड़ रुपए के खर्च से रोजगार भी पैदा होगा और डिमांड भी बढ़ेगी। रेवन्यू बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाया गया है और कस्टम ड्यूटी में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। मतलब सीधा है। सीतारमण ने चेतेश्वर पुजारा की तरह ट्रेडिशनल मेथड को अपनाया। राहत मिली तो 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन्स को जिन्हें इनक टैक्स फाइल करने की जरूरत अब नहीं है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत रेल-रोड विस्तार पर बजट राशि बढ़ाई
निर्मला सीतारमण ने धैर्य और संयम दिखाते हुए कुछ सर्विस सेक्टर और सैलरीड क्लास की जगह खेत-खलिहान पर फोकस किया है। रूरल इकॉनमी बूस्ट करने के लिए किसान को फोकस में रखा गया। इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत रेल-रोड विस्तार पर बजट राशि बढ़ाई गई। हेल्थ सेक्टर को छोड़ दें तो मोदी सरकार कोई और नई योजना के ऐलान से दूर रही ताकि अतिरिक्त खर्च न हो।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में कार्य करने वाले कर्मवीरों को किया सम्मानित