नई दिल्ली/कोलकाता/नागपुर: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहीं ज्यादा घातक साबित हो रही है। हर रोज 2 से लेकर 3 लाख नए केस सामने आने से स्थिति चिंताजनक बन गई है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए भारत में ही बने नए कोविड वेरिएंट B.1.617 को डिकोड किया था। महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में सामने आए भारतीय ओरिजिन के इस वेरिएंट पर सबकी नजर जमी ही थी कि अब बंगाल से एक अन्य वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। B.1.618 को ट्रिपल म्यूटेंट बताया जा रहा है।
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वैज्ञानिकों ने B.1.618 को बंगाल स्ट्रेन का नाम दिया है। नया वेरिएंट तीन अलग-अलग कोविड स्ट्रेस से मिलकर बना है। यानी कि कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन ने तीन बार रूप बदला है। यह काफी घातक है। यह शरीर के इम्युन कवच को भी भेद दे रहा है। म्यूटेशन से पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग या फिर वैक्सीन लगवा चुके लोग भी इसकी चपेट में आ जा रहे हैं।
जीनोम म्यूटेशन रिसर्चर विनोद सकारिया ने कहा
इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायॉलजी (IGIB) में जीनोम म्यूटेशन रिसर्चर विनोद सकारिया ने कहा, ‘बंगाल में हाल के महीनों में B.1.618 बहुत तेजी से फैला है। B.1.617 के साथ मिलकर इसने पश्चिम बंगाल में बड़ा रूप धारण कर लिया है।’ भारत में पिछले 24 घंटे में रेकॉर्ड 3.15 लाख नए कोरोना केस सामने आए हैं, जबकि 2100 लोगों की मौत हुई है।
कोलकाता से 50 किलोमीटर दूर कल्याणी में नैशनल इंस्टिटयूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG) ने पिछले साल 25 अक्टूबर को एक मरीज में बंगाल स्ट्रेन को पहली बार पाया था। इस साल जनवरी तक यह बड़ी तादाद में फैल गया। असोसिएट प्रफेसर श्रीधर चिन्नास्वामी ने कहा कि बंगाल स्ट्रेन कथित डबल म्यूटेंट से अलग है। यह देश के कई हिस्सों में फैल गया है।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ में अमरावती और आस-पास के इलाकों में सामने आए B.1.617 वेरिएंट पर देश और दुनिया के वैज्ञानिकों की नजर गड़ गई है। विदेश के कई रिसर्चर ने नागपुर में इस ‘भारतीय वेरिएंट’ की पड़ताल भी की है। संक्रमण रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर नितिन शिंदे ने बताया कि यह स्ट्रेन ब्रिटेन, अफ्रीका, ब्राजील के वेरिएंट से काफी अलग है।