बस हादसे के बाद सही समय पर नहीं शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान

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सीधी: एमपी के सीधी बस हादसे में अब तक 38 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राहत और बचाव कार्य अभी भी वहां जारी है। परिवहन मंत्री के अनुसार बस में सवार ज्यादातर छात्र सवार थे जो सीधी से परीक्षा देने के लिए सतना जा रहे थे। वहीं, घटना के बाद मौके पर पहुंचे एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कैसे लोग जिंदगी बचाने के लिए वहां संघर्ष कर रहे थे।

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प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि

झे हादसे के बारे में फोन पर सूचना दी गई। उसके बाद मैं यहां दौड़ते हुए पहुंचा हूं। मैंने देखा कि 2 लड़कियां, 2 डूबती हुईं लड़कियों को नहर से निकाल रही थीं। फिर कुछ स्थानीय लोग भी नहर में डूब रहे लोगों को बचा रहे थे। मैंने तुरंत स्थानीय विधायक और सांसद को फोन लगाया। मेरे सामने 7 लोग तैर कर नहर से निकल गए थे।

बस में सवार लोगों के अनुसार 60 से ज्यादा यात्री इसमें सवार थे। हादसे के दौरान किसी को संभलने का वक्त नहीं मिला है। प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि 2 घंटे तक लोग बस में ही फंसे रहे हैं।

रेलवे की परीक्षा देने जा रहे थे युवा

स्थानीय लोगों ने बताया कि बस में सवार यात्री युवा थे। सभी रेलवे की परीक्षा देने सतना जा रहे थे। इस रूट पर सड़क काफी खराब है। ड्राइवर ने छुहिया घाटी में जाम की वजह से रूट बदल लिया था। साथ ही मेन रोड भी काफी खराब है। शॉर्टकर्ट और जल्दबाजी के चक्कर में यह हादसा हुआ है।

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