प्रधानमंत्री आज दोपहर 3 बजे कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को करेंगे संबोधित

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 3 बजे कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। इस कॉन्क्लेव का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) करेंगे। कॉन्क्लेव में कोविन के विकास व इसके काम करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। हाल में ही इस पोर्टल की सुविधा अन्य देशों के लिए मुहैया कराने की अनुमति प्रधानमंत्री ने दी है। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म Co-WIN की वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है। देश में इसी प्लेटफार्म के जरिए वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है और अब इसे दुनिया के अन्य देशों के साथ मुफ्त साझा किया जाएगा।

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अनेक देशों ने भारत के कोविन पोर्टल के लिए रुचि दिखाई

कॉन्क्लेव में भारत की ओर से महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डिजिटल प्लेटफार्म कोविन को दूसरे देशों के लिए आधिकारिक तौर पर दिए जाने की पेशकश की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अनेक देशों ने भारत के कोविन पोर्टल के लिए रुचि दिखाई है।

भारत अपने सोर्स सॉफ्टवेयर के मुफ्त में शेयर करने के लिए तैयार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकरण (National Health Authority, NHA) और Co-WIN प्लेटफार्म के चीफ एक्जीक्यूटीव ऑफिसर (CEO) आर एस शर्मा (Dr RS Sharma)ने हाल ही में कहा था कि कनाडा, मेक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और युगांडा सहित लगभग 50 देशों ने अपने टीकाकरण अभियान चलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म कोविन को अपनाने में रुचि दिखाई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भारत अपने सोर्स सॉफ्टवेयर के मुफ्त में शेयर करने के लिए तैयार है।

Co-WIN का ओपन सोर्स वर्जन

हाल में ही प्रधानमंत्री मोदी ने Co-WIN का ओपन सोर्स वर्जन तैयार करने का निर्देश दिया और इसकी आवश्यकता जिन देशों को है उन्हें मुफ्त उपलब्ध कराने को कहा है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के वर्चुअल समिट में CEO ने बताया था कि सेंट्रल एशिया , लैटिन अमेरिका और अफ्रीका से 50 देशों ने Co-WIN जैसे सिस्टम में रुचि दिखाई है। उन्होंने यह भी बताया था कि प्रधानमंत्री की ओर से प्लेटफार्म का ओपन-सोर्स वर्जन विकसित कर उन देशों को मुफ्त उपलब्ध कराने को कहा गया है जिन्हें यह सुविधा चाहिए।’

ग्लोबल कॉन्क्लेव के बारे मेंं तभी उन्होंने जानकारी दी थी और कहा था, ‘5 जुलाई को हम ग्लोबल कॉन्क्लेव कर रहे हैं जहां दुनिया को बताएंगे कि यह सिस्टम कैसे काम करता है, इसे कैसे विकसित किया गया और यह किस तरह काम करता है। साथ ही हम इसका ओपन सोर्स वर्जन किसी भी देश के साथ शेयर करने को कैसे तैयार होंगे। कनाडा, मेक्सिको व अन्य देशों से इसकी काफी मांग की जा रही है।’ उल्लेखनीय है कि करीब 5 महीनों में Co-WIN प्लेटफार्म पर 300 मिलियन से अधिक रजिस्ट्रेशन हुआ।

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