पेइचिंग:चीन अपने मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में फिर से कुछ नरसंहार जैसा करने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने दावा किया कि चीन अपने शिनजियांग क्षेत्र में मुसलमानों के इलाज के लिए नरसंहार जैसा कुछ कर रहा है। इसके लिए चीनी प्रशासन बड़े बड़े डिटेंशन कैंपों में बंदी बनाकर रखी गईं मुस्लिम महिलाओं का सिर भी मुंडवा रहा है।
पहली बार ‘नरसंहार’ शब्द का अमेरिका ने किया प्रयोग
अमेरिका के किसी बड़े अधिकारी ने अभी तक शिनजियांग में चीन के ऊपर नरसंहार जैसा संगीन आरोप नहीं लगाया था। पहली बार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने एस्पेन इंस्टीट्यूट के ऑनलाइन कार्यक्रम में इस शब्द का प्रयोग किया है। माना जा रहा है कि इस शब्द के कई कानूनी निहितार्थ भी निकाले जाएंगे और चीन पर कड़े प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
डिटेंशन कैंप को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताता है चीन
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग प्रांत में चीन ने लगभग 10 लाख से ज्यागा उइगुर मुसलमानों को डिटेंशन कैंपों में कैद करके रखा हुआ है। कई मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि चीन यहां नरसंहार कर रहा है और यह मानवता के खिलाफ अपराध है। जबकि चीन शुरू से इन आरोपों से इनकार करता रहा है। उसका कहना है कि इस क्षेत्र के कैंप व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिससे चरमपंथ से लड़ने में मदद मिलती है।
मुस्लिम महिलाओं के बालों से बने सामान को अमेरिका भेज रहा चीन
एनएसए ने कहा कि अमेरिकी बॉर्डर कस्टम ने शिनजियांग के मानव बाल से बने बड़े पैमाने पर उत्पादों को बरामद किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी सरकार इन कैंपों में कैद उइगुर मुस्लिम महिलाओं के बाल मुंडवा रही है और उनसे उत्पाद बनाकर अमेरिका भेज रही है। जून में अमेरिकी यूएस कस्तम और बॉर्डर फोर्स ने बताया था कि उन्होंने शिनजियांग से आ रहे बालों के उत्पादों और सामानों के एक शिपमेंट को जब्त किया है। संभावना जताई गई थी कि इसे शिनजियांग के कैंपो में कैद उइगुरों ने तैयार किया था।
मुसलमानों का जबरन नसबंदी करा रहा चीन
चीन पहले ही उइगुर मुसलमानों का जबरन नसबंदी और गर्भपात करवा रहा है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से ‘जनसांख्यिकीय नरसंरहार’ करार दे रहे हैं। इंटरव्यू और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण (Intrauterine Device, IUD) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है।