मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना का बीजेपी के जेहन में आज भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अलग होने की टीस जिंदा है। उसे बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद पर समझौता न करने की जिरह भी याद है। यह दर्द शिवसेना ने अपने मुखपत्र पर बिहार के उदाहरण के साथ जाहिर किया है। शिवसेना ने बिहार में जेडीयू को मुख्यमंत्री पद देने को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है कि राजनीति के इस त्याग का वर्णन करने के लिए स्याही कम पड़ जाएगी।
सोने एवं चांदी की हाजिर कीमतों में गिरावट
सामना में कहा गया है कि
महाराष्ट्र में बीजेपी की सीटें ज्यादा आने की वजह से शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया। लेकिन बिहार में फिसलकर तीसरे नंबर पर जा चुकी पार्टी को (जेडीयू- जनता दल यूनाइटेड) मुख्यमंत्री पद का मुकुट पहनाया। कितनी उदारता है यह? राजनीतिक के इस त्याग का वर्णन करने के लिए स्याही कम पड़ जाएगी लेकिन नीतीश कुमार इस मेहरबानी के बोझ को कितने वक्त तक उठा पाएंगे।
विभागों का बंटवारा भी हो गया
बिहार विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुआई में चौथी बार एनडीए सरकार बन गई है। जेडीयू की सीटें कम होने के बावजूद एनडीए ने वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया। नवनियुक्त मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी मंगलवार को कर दिया गया।
दिल्ली में गिरफ्तार आतंकियों का कसाब की तरह था हमले का प्लान