नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने देश की राजधानी में किसानों को आने से रोकने के लिए लगभग हर एंट्री प्वाइंट को पूरी तरह से बंद कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए पानी और शौचालय तक की सुविधा भी नहीं है।
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संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शनकारी किसानों को देश की राजधानी में आने से रोकने के लिए दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर दिल्ली पुलिस ने कंक्रीट की 5 फीट चौड़ी दीवार बनाई है। 1.5 किमी के नेशनल हाईवे के क्षेत्र में 5 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। यहां पर किसानों के लिए न पानी की सुविधा है और न ही शौचलय की व्यवस्था है।
‘सरकार के डराने से हम नहीं डरेंगे’
पटियाला के एक किसान कुलजीत सिंह ने कहा कि हम अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित किए बिना अपने गांवों को वापस नहीं जाएंगे। प्रदर्शनकारी निराश हैं, लेकिन निराशा नहीं है। हम किसान हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम ट्यूबवेल बोर करेंगे। कुलजीत ने कहा कि सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए की उनके डराने से हम डर जाएंगे। किसान कुलजीत ने कहा कि अब यहां कुछ ही टॉयलेट होने के कारण शौचालय की दिक्कत हो रही है। कुछ लोग खुले में जाने को मजबूर हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की साइड कूडे़ का ढेर लगा हुआ है और कुछ खाली पड़े भूखंडों में गंदगी भरी हुई है। इससे काफी परेशानी हो रही है।
‘ये किलेबंदी दिल्ली सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को रोकने के लिए की गई’
कैथल से बीकेयू के स्वयंसेवक मंजीत ढिल्लों ने कहा कि किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में कटौती करने के लिए किलेबंदी की गई है। पहले कई पानी के टैंकर दिल्ली की ओर से आते थे। लेकिन अब हम लोग केवल हरियाणा के पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। बता दें कि किसानों को सपोर्ट करने के लिए जींद, सोनीपत और नरेला से काफी संख्या में महिलाएं पहुंची हैं। जींद की एक बुजुर्ग महिला रामरती देवी ने कहा कि 29 जनवरी को पत्थरबाजों की ओर से किसानों पर किए गए हमले से उनके क्षेत्र में भी बहुत नुकसान हुआ है।
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