राशन की दुकानों पर 23 अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध

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ऐसे गरीब परिवार एवं श्रमिक जिनके पास राशन कार्ड नहीं है तात्कालिक रूप से सभी को निशुल्क राशन का वितरण जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से निरंतर करवाया जा रहा है। जनपदों से प्राप्त सूचना के अनुसार आतिथि तक लगभग 1.33 लाख किट वितरित किए जा चुके हैं।

तत्काल डिजिटलीकरण से 18 हजार से अधिक व्यक्तियों को किया लाभान्वित

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लक्ष्य के अनुसार पात्र लाभार्थियों के डाटा डिजिटाइज करते हुए तत्काल राशन उपलब्ध कराने तथा राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों के डाटा डिजिटाइज करते हुए तत्काल राशन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें 5073 राशन कार्डो को तत्काल ऑनलाइन करते हुए 18108 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है।

राशन की दुकानों पर 23 अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के माध्यम से राशन के अतिरिक्त 23 अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जा रहे हैं। वर्तमान में 3969 राशन की दुकानों में अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध है। वरिष्ठ नागरिकों, असहाय व्यक्तियों एवं बीमार व्यक्तियों को दूरभाष के माध्यम से डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

आटा मिलों और खाद्य तेल मिलों का नियमित संचालन

प्रदेश की आटा मिलो एवं खाद्य तेल मिलो का प्रोडक्शन संचालन नियमित किया जा रहा है । गेहूं की खुले बाजार में कमी होने पर एफसीआई के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। आतिथि तक 13775.31 कुंतल गेहूं एफसीआई के माध्यम से उपलब्ध कराया जा चुका है।

जन आपूर्ति एप

नगरीय क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के व्यापारियों के साथ समुद्र में स्थापित करते हुए आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी करवाई जा रही है। जिसके लिए बड़े बड़े प्रतिष्ठानों के दूरभाष नंबर एवं मोबाइल ऐप प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रतिदिन इनके द्वारा लगभग 500 से 600 होम डिलीवरी की जा रही है। जिसमें सामाजिक दूरी का अनुपालन कराया जा सके एवं नागरिकों को घर पर ही आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सके। होम डिलीवरी को नागरिकों हेतु सुगम बनाने हेतु जन आपूर्ति उत्तराखंड ऐप की सुविधा गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध कराई गई है।

सब्जियों, फलों व दूध की उपलब्धता सुनिश्चित

मंडी समितियों एवं डेयरी विभाग के माध्यम से सब्जी फलों एवं दूध की उपलब्धता को नियमित रूप से मॉनिटर किया जा रहा है। साथ ही थोक दरो पर डिलीवरी वैन के माध्यम से आमजन को सब्जी एवं फलों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। साथ ही राशन की दुकानों के माध्यम से भी निर्धारित दरों पर आलू प्याज का वितरण कराया जा रहा है।

मूल्य नियंत्रण केन्द्र

चार मूल्य नियंत्रण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। जिला अधिकारियों द्वारा खाद्यान्न की वस्तुओं के मूल्य निर्धारित किए जा रहे हैं। खुले बाजार में स्टॉक पर नजर रखी जाती है। राशन, खाद्य पदार्थ एवं किराना से संबंधित दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की मूल्य सूची अनिवार्य रूप से चस्पा करवाई जा रही है।

जनपदों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत राशन, खाद्य पदार्थ एवं किराना से संबंधित दुकानों को अधिक समय तक खुला रखने तथा इनके निर्बाध आपूर्ति हेतु आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।

आवश्यक वस्तुओं के निर्बाध परिवहन की व्यवस्था

पेट्रोलियम प्रोडक्ट, एलपीजी एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के वाहनों की निरंतरता तथा निर्बाध परिवहन सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से समस्त जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, परिवहन विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के समन्वय से आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। आवश्यकता अनुसार अन्य राज्यों से भी समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक वस्तुओं की निरंतरता सुनिश्चित की जा रही है।

समस्त थोक विक्रेताओं/कमिशन एजेंट्स एवं फुटकर विक्रेताओं को दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं को इस संकट की घड़ी में आवश्यक रूप से उचित मूल्य एवं उचित मात्रा पर वितरण करने हेतु निरंतर निर्देशित किया जा रहा है। एमआरपी का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही ओवर रेटिंग को रोकने हेतु जनपद में आपूर्ति, बाट माप, खाद्य सुरक्षा, मंडी एवं डेयरी की संयुक्त टीम द्वारा निरंतर छापेमारी भी की जा रही है।

आवश्यक वस्तुओं से संबंधित व्यवसायों यथा फुटकर विक्रेताओं, आढ़तियों, थोक विक्रेताओं, रिटेल स्टोर्स, फ्लोर मिल, राइस मिल, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, सरकारी खाद्यान्न गोदाम, राशन की दुकानों, डेरी आदि को निरंतर खुलवाया जा रहा है। तथा इनके परिवहन कार्य में लगे लोगों मजदूरों एवं ढलान कार्य में लगे लोगों को निरंतर कार्य किए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे आवश्यक वस्तुओं की सुलभता बनी रहे।

टोल फ्री नम्बर पर शिकायतों का निस्तारण

इसके अतिरिक्त राज्य के उपभोक्ताओं को खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं से संबंधित जानकारी प्रदान करने तथा खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं से संबंधित किसी भी प्रकार की कठिनाई उत्पन्न होने पर अपनी समस्या को दर्ज कराने एवं उसके तात्कालिक निवारण हेतु टोल फ्री नंबर 1800-180-4188  प्रातः 7ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक संचालित किया जा रहा है। जिसमें अभी तक कुल 838 शिकायत प्राप्त हुई है और 493 का निस्तारण किया जा चुका है।

गेहूँ खरीद की प्रक्रिया शुरू

वर्तमान परिपेक्ष में किसानों की स्थिति एवं फसलों के तैयार होने के दृष्टिगत रबी खरीद सत्र 2020-21 में गेहूं खरीद 15 अप्रैल से प्रारंभ की जा चुकी है। सरकार द्वारा इसके लिए 35 करोड़ रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। आतिथि तक राज्य में 1.29 हजार कुंतल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 20 करोड़ की धनराशि का भुगतान 48 घंटे की निश्चित अवधि के भीतर लगभग 2334 किसानों को किया जा चुका है।

खरीद की प्रक्रिया में सामाजिक दूरी के अनुपालन हेतु प्रत्येक खरीद केंद्र पर प्रतिदिन गेहूं खरीद हेतु 10 किसानों या 500 कुंतल की सीमा निर्धारित की गई है। साथ ही उक्त हेतु टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है। साथ ही ई-खरीद पोर्टल पर ऑनलाइन टोकन की भी सुविधा दी जा रही है।

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