अररिया के फारबिसगंज में चुनावी सभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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अररिया के फारबिसगंज

भागलपुर। बिहार में आज पीएम नरेंद्र मोदी की दो रैलियां हुई। उन्‍होंने अररिया के फासबिसगंज और सहरसा में जनता को संबोधित किया। अ‍ररिया में उनके आने के पहले वहां केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी, बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी, सांसद ललन सिंह आदि वहां पहुंच चुके थे। वहीं, सहरसा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मौजदू थे। इस क्षेत्र में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा।

नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल के विजयी जुलूस,यातायात व्यवस्था को ध्वस्त

01:39 बजे: भारत माता के जयघोष के साथ सहरसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन समाप्‍त।

01:26 बजे: आज बिहार की बदौलत भारत आगे बढ़ रहा है। मधेपुरा रेल फैक्ट्री ने मालगाडिय़ों के लिए काफी काम किया है। आज पूरी दुनिया की कंपनियां मेक इन इंडिया के लिए भारत आ रही है, तो उसका लाभ बिहार को भी मिलने वाला है। इस बार कोसी महासेतु को भी आपको सौंप दिया है। बिहार के विकास के इन प्रयासों के बीच आपको सतर्क भी रहना है। जंगलराज के इतिहास वालों से आपको सतर्क भी रहना है। ऐसे लोग अपने नहीं, अपने परिवार के लिए जीते हैं। बिहार की कई वीर माताएं अपने लाल को राष्ट्ररक्षा के लिए समर्पित करती हैं। ऐसे लाल देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं। जंगलराज लाने वाले चाहते हैं कि आप भारतमाता की जय के नारे ना लगाएं। छठी मैया को पूजने वाली धरती पर जंगलराज के साथी चाहते हैं कि आप भारत माता की जय, जय श्री राम ना बोलें। ये भारत माता के विरोधी एकजुट होकर बिहार के लोगों से वोट मांगने के लिए आए हैं। यदि उन्हें भारत माता से दिक्क्त है तो बिहार के लोगों को भी ऐसे लोगों को दिक्कत है। ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अभी पूरे जोश में मां भारती का जयकारा लगाएं।

2014 से पहले 25 वर्ष में जितने की खादी देश में बिकी

01:25 बजे: वोकल फॉर लोकल गरीबों की जिंदगी बदलने का बड़ा मंत्र है। जब भी मैं बिहार आता हूं, मखाने की बात जरूर करता हूं। गर्व के साथ हम अपनी चीजों का बखान नहीं करेंगे तो कौन करेगा। जब हम अपनी चीजों को माथे से लगाकर रखते हैं तो दूसरे भी इसपर ध्यान देते हैं। ऐसा नहीं है कि जब एनडीए सरकार आई तो नई खादी बनी। लेकिन, अब खादी पहले से अधिक बिक रही है। बुनकरों की स्थिति सुधरी है। 2014 से पहले 25 वर्ष में जितने की खादी देश में बिकी, उससे अधिक की खादी पिछले पांच वर्षों में देश में बिक चुकी है। दिल्ली में खादी के एक स्टोर में एक दिन में एक करोड़ रुपये से अधिक की खादी बिकी। बिहार में ऐसे कई सामान हैं, हमें इनका प्रचार-प्रसार करना है। आने वाले दिनों में धनतेरस आ रहा है, दीवाली और छठ पूजा भी है। देशवासी जितना संभव हो पाए, लोकल चीजें ही खरीदें। जब आप घर के आसपास बने सामान खरीदेंगे, तो दीवाली गरीब के घर में भी होगी। ऐसे में आपका आनंद चार गुना बढ़ जाएगा। मूल जरूरतों के पूरा होने के बाद समाज अपने सपनों को पूरा करने में लग जाता है। यह दशक भी बिहार की इन्हीं आकांक्षाओं का दशक है।

जूट श्रमिकों को लाभ

01:22 बजे:बिहार के हर जिले में कम से कम एक ऐसा किसान है, जो देश और प्रदेश के बाजार में अधिक ध्यान दें। सहरसा और सुपौल में मखाना, पूर्णिया में केला, मधेपुरा में आम और किशनगंज में अनानास के उत्पादों की मार्केटिंग को ध्यान में रखकर व्यापक खाका खींचा जा रहा है। एनडीए सरकार किसानों के उत्पादों को कितना समर्थन दे रही है, इसे सब जानते हैं। बिहार में रोजगार-स्वरोजगा के अवसर मिलेंगे। जूट श्रमिकों को भी लाभ होगा। आज से वोकल फॉर लोकल के मंत्र को रोजमर्रा के जीवन-खरीदगी का हिस्सा बनाना होगा।

मुद्रा योजना के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए

01:20 बजे: मुद्रा योजना के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। अकेले मुद्रा योजना के तहत बिहार को करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। आज गांव, गरीब, वंचितों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। इससे इनमें आत्मविश्वास आया है। हमारे छोटे किसानों, पशुपालकों, मत्स्यपालक लंबे समय तक बैंकों के बाहर से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेते थे। उनके लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा लाई जा रही है। हर किसान-पशुपालक के घर सुविधाएं पहुंचाने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है। मछलियां दूसरे राज्यों में जाए, इसके लिए सरकार 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसका लाभ बिहार के किसानों को भी होगा। पशुओं में होने वाली बीमारी को कम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये कृषि तथा अन्य उत्पादों के विक्रय केन्द्र ‘‘माई रिफिल स्टोर’’ का उद्घाटन

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