नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने के मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने पर दिल्ली, महाराष्ट्र, मनीपुर ओड़िशा और गोवा पर जुर्माने को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। बता दें कि कोर्ट ने पिछले हफ्ते हलफनामा दाखिल नहीं करने पर इन राज्यों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। राज्यों ने ये जुर्माना राशि जमा नहीं कराई। इसके बाद कोर्ट ने आज यह फैसला लिया।
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केवल 7 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने खाद्य सुरक्षा और सामुदायिक रसोई मामले में हलफनामा दायर किया है। इनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, कर्नाटक, पंजाब, उत्तराखंड, झारखंड, नागालैंड और जम्मू और कश्मीर शामिल हैं।
क्या है मामला
एक जनहित याचिका दायर करके देश में भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए राज्यों को सामुदायिक रसोई बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है। अदालत ने 18 अक्टूबर को सामुदायिक रसोई स्थापित करने के पक्ष में कहा था कि देश को भूखमरी की समस्या से निपटने के लिए इस तरह की व्यवस्था की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को इसे लेकर नोटिस जारी किए थे और सामुदायिक रसोई स्थापित करने के प्रस्ताव पर उनसे प्रतिक्रियाएं मांगी थीं।
केंद्र को भी नोटिस
न्यायमूर्ति एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने पिछली बार सुनवाई के दौरान कहा कि अगले 24 घंटे में हलफनामा दायर करने वाले राज्यों को एक-एक लाख रुपये जुर्माना देने होंगे। कोर्ट ने इस दौरान केंद्र को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। राज्यों से भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था।