डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद बीजेपी की मुश्किल बढ़ गई है। राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद भड़की हिंसा के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को हटाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी खट्टर को हटाने के पक्ष में नहीं हैं तो कुछ खबरों में खट्टर को हटाकर सुषमा स्वराज को हरियाणा की कमान सौंपे जाने की बात कही जा रही है।
लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि खट्टर को हटाया जाए या नहीं? खट्टर हरियाणा के सीएम रहेंगे या कोई और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद बीजेपी के सामने जो राजनीतिक संकट खड़ा हुआ, वह सीएम कैंडिडेट के सवाल से कहीं ज्यादा बड़ा है।
बीजेपी के लिए बदल चुका पूरा सियासी समीकरण
हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव में आईएनएलडी को जाट मतदाताओं के 44 फीसदी वोट मिले, जबकि कांग्रेस ने 24 फीसदी जाट वोट हासिल किए। बीजेपी को केवल 17 प्रतिशत जाट वोट मिले थे। इसके बाद भी बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही थी। सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को सबसे बड़ा फायदा जाट बंटने से हुआ। बीजेपी को ब्राह्मण मतदाताओं के 47 फीसदी, पंजाबी खत्री वर्ग का 63 फीसदी और दूसरी अगड़ी जातियों के 49 फीसदी वोट मिले। इन समीकरणों के चलते बीजेपी ने बिना जाट वोट हासिल किए पहली बार हरियाणा में सरकार बनाई और गैर जाट सीएम को सूबे की कमान सौंपी।
अब क्या होगी बीजेपी की रणनीति
हरियाणा में पहली बार कमल खिलाने वाले डेरा समर्थक इस समय बीजेपी के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। ऐसे में बीजेपी जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास कर सकती है। कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जाट वोटरों पर पकड़ रखने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ बीजेपी नेताओं की बात हुई थी। पार्टी अब जाट वोटरों पर फोकस कर सकती है।
अब वह कैसे उन्हें रिझाती है, क्या देखने वाली बात होगी। पीएम मोदी और अमित शाह सीएम कैंडिडेट बदलते हैं या किसी बड़े जाट नेता को पाटी में शामिल कराते हैं या पार्टी के ही किसी जाट नेता को कमान सौंपते हैं।
खुद अमित शाह गए थे डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम से मिलने
हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रही। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में 36 से 40 सीटों पर डेरा समर्थकों का प्रभाव है। यही कारण रहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने डेरा प्रमुख राम रहीम से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के बाद गुरमीत राम रहीम ने मतदान से ठीक चार दिन पहले बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया। चुनाव बाद बीजेपी को हरियाणा में 48 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि डेरा सच्चा सौदा की बीजेपी सरकार बनवाने में कितनी अहम भूमिका रही।
ऐसा रहा डेरा सच्चा सौदा के समर्थन का असर
बाबा राम रहीम का हरियाणा के नौ जिलों की सीटों पर जबरदस्त प्रभाव है। हरियाणा में उनके 20 से 25 लाख अनुयायी बताए जाते हैं। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने डेरा का समर्थन होने से उचाना कलां, टोहाना, अंबाला सिटी, हिसार, नारनौंद, बवानी खेड़ा, भिवानी, शाहबाद, थानेसर, लाडवा, मौलाना और पेहवा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इनमें से सिर्फ भिवानी सीट पर ही जीत हासिल कर सकी थी।