पेयजल संकट से जूझ रहे डढोली, भौरा के ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। भारी संख्या में लोग विशेषकर महिलाएं जुलूस के साथ तहसील पहुंची और कार्यालय का घेराव किया। उपजिलाधिकारी और जल संस्थान के अधिशासी अभियंता के आश्वाशन पर ग्रामीण माने। साथ ही शीघ्र पेयजल उपलब्ध न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
डढोली व भौरा के ग्रामीणों ने पेयजल की मांग को लेकर जुलूस निकाल गौचर चैराहे पर प्रदर्शन किया। बाद में ग्रामीण नारेबाजी करते तहसील पहुंचे। कार्यालय का घेराव कर धरना दिया। मौके पर ग्रामीणों ने जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर तोहमत मढ़ी। कहा कि बार बार कहने के बावजूद विभाग ग्रामीणों की उपेक्षा कर रहा।
ग्राम प्रधान अनीता बजेठा व राज्य आंदोलनकारी बीरेंद्र बजेठा ने कहा कि गगास से इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए बनी योजना पुरानी होने के कारण उसमें से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा। जल संस्थान क्षेत्र में मात्र एक टैंकर भेज इतिश्री कर ले रहा है। आवश्यकता से बेहद कम पानी मिलने के कारण कई बार झगड़े की स्थिति पैदा हो रही है।
इंजीनियरिंग कॉलेज की योजना 2008 में मृत घोषित होने के चलते ग्रामीण इस योजना के पुनर्गठन की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। जिसके कि समझौते के अनुरूप ग्रामीणों को भी पानी मिल सके। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नही हुई। कहा कि शीघ्र क्षेत्र की समस्या को दूर नही किया गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
उप जिलाधिकारी को भी सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने बाद में उप जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। एसडीएम रजा अब्बास और मौके पर पहुचे जल संस्थान के ईई सुरेश ठाकुर ने टैंकर की व्यवस्था में सुधार करने, क्षेत्र में एक हैंडपंप लगाने का आश्वासन दिया। यह भी बताया कि गगास से कॉलेज और समीपवर्ती क्षेत्रों के लिए 1997 में बनी योजना के पुनर्गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिसे शीघ्र स्वीकृत करवाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।