पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। यूं कहें कि पूरे परिवार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जहां भ्रष्टाचार के आरोप में महज कुछ ही घंटों में पूरा राजद परिवार सत्ता से बेदखल हो गयाl
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं, वहीं छोटा बेटे बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप है तो अब बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर विजिलेंस कि आंच आनी शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि राजद सुप्रीम के बड़े बेटे बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव पर सरकार से हटते ही निगरानी विभाग ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निगरानी विभाग ने वन एवं पर्यावरण विभाग से उन फाइलों की मांग की है जो पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान के लिए लाखों रुपए की मिट्टी खरीद से जुड़ी है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कंपनी की बेली रोड स्थित उस जमीन से जू के लिए मिट्टी खरीदी गई थी जहां बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था। सीबीआई के द्वारा उस जमीन को भी बेनामी संपत्ति मामले में जोड़ा गया है। वहीं पर्यावरण क्लीयरेंस न होने के कारण मॉल का निर्माण कार्य रोक दिया गया।
सुशील कुमार मोदी ने उठाया था मामला
आपको बता दें कि मिट्टी घोटाले का मामला सबसे पहले विपक्ष की सरकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने उठाया था और लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू प्रसाद यादव की कई बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश करती रही।
सबसे पहले सुशील मोदी ने अप्रैल में मिट्टी खरीद मामले को उठाया था और लालू परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लाखों रुपए की मिट्टी खरीद मामले में सरकारी प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे तेजप्रताप यादव ने अपने परिवार की जमीन से ही अपने विभाग को मिट्टी खरीदने के लिए तैयार किया जो गैर कानूनी है। इसके खिलाफ नीतीश सरकार कार्रवाई करे।
90 लाख की मिट्टी खरीद का था आरोप
लालू प्रसाद यादव के परिवार पर लगे मिट्टी घोटाले के आरोप में ये कहा गया कि पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान के लिए करीब 90 लाख रुपए की खरीद के लिए विभाग में ना तो कोई टेंडर निकाला गया और ना ही इस मिट्टी की खरीद में सरकारी प्रावधानों का पालन किया गया।
जब विपक्ष के नेता ने इस मामले को उठाया तो मामला काफी चर्चित हुआ और इस मामले में मुख्य सचिव स्तर से जांच करवाई गई। जिसमें सचिव ने दावा किया था कि खरीद में नियमों की अनदेखी हुई है। अब राज्य सरकार अपनी एजेंसी से जांच कराने जा रही है। बड़ी राशि से किसी भी सरकारी खरीद के लिए टेंडर निकालना अनिवार्य है।
सीबीआई, ईडी के बाद अब विजिलेंस का फंदा
पहले से ही सीबीआई और ईडी के कानूनी घेरों के बीच अब राजद परिवार पर एक मामला विजिलेंस का जुड़ गया है। जिसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि लालू परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां आयकर विभाग सीबीआई और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियां लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती की बेनामी संपत्ति मामले की जांच कर रही है। इसी बीच राज्य का निगरानी विभाग लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी में लगा हुआ है।