चमोली जिले के जंगलों में भड़की आग भंग्यूल से बड़गांव वन क्षेत्र होते हुए ऐरा तोक तक पहुंच गई है। इससे सीमांत जोशीमठ क्षेत्र में अब तक 150 हेक्टेयर जंगल के खाक होने का अनुमान है। गर्मियों से पहले ही उत्तराखंड में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक के जंगल धधक उठे हैं। उधर, कुमाऊं के बागेश्वर जिले में तिलसारी गांव (गरुड़) का जंगल दो दिन से धधक रहा है और लाखों की वन संपदा आग की भेंट चढ़ चुकी है। इससे वातावरण में चारों ओर धुंध पसरी हुई है।
बीते चार दिनों से जोशीमठ के जंगलों में धधक रही आग पर वन विभाग ग्रामीणों की मदद से काबू पाने का प्रयत्न कर रहा है, लेकिन आग बेकाबू हो ऐरा के जंगलों तक पहुंच गई है।
फायर लाइन काटने के बाद भी भड़क रही आग
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि ऐरा के जंगल में विकट परिस्थितियों के चलते फायर लाइन काटने के बाद भी आग भड़क रही है। टिहरी जिले में विकासखंड भिलंगना के अपर केमर घटी के संरासगांव व गनगर गांव के जंगल तीन दिनों से धधक रहे हैं।
कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत गरुड़ तहसील में तिलसारी गांव और कपकोट ब्लाक के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। हालांकि, डीएफओ बागेश्वर आरके सिंह के अनुसार फायर सीजन से पहले कंट्रोल बर्निंग चल रही है। जो जंगल की आग नहीं है। आग नियंत्रण रेखा से बाहर फैलती है तो उस पर काबू कर लिया जाएगा। बता दें कि जंगलों को आग से बचाने के लिए हर साल 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होता है। इसी की तैयारी के लिए इन दिनों कंट्रोल बर्निंग की जाती है।