जयपुर में युवक की हत्या के मामले का पुलिस ने कुछ ही घटों में खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्या के आरोप में अजमेर से दो लोगाों को पकड़ लिया तथा हत्या में काम ली गई गाड़ी जब्त कर ली। हत्या पैसों के लेन-देन के मामले में की गई। बगरू में रविवार को एक युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। युवक की बड़े ही दर्दनाक तरीके से हत्या की गई। उसका गला रेतने के साथ ही पेट पर चाकू से वार के कई घाव मिले थे। पुलिस को वहां से टूटा हुआ चाकू भी मिला। जानिए क्या है मामला …
कलवाड़ा के पास बोरडी वाले बालाजी के पीछे जा रही सेज रोड पर राहगीर ने रोड पर खून के निशान देखे। निशान वहां पास ही एक गड्ढ़े की ओर जा रहे थे। वह निशानों के साथ चला तो देखा गड्ढे में एक युवक का शव था। यह देख कर वह घबरा गया और उसने आस-पास के लोगों को इस बारे में बताया। लोगों ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। थोड़ी देर में वहां डीसीपी वेस्ट अशोक गुप्ता, सेज थाना अधिकारी गयासुद्दीन, बगरू थाना अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत, भांकरोटा थाना अधिकारी हेमेंद्र शर्मा सहित पुलिस जाब्ता पहुंच गया।
पेट पर किया गया सात बार वार
पुलिस ने जांच की तो पाया कि युवा की गला रेत कर हत्या की गई है। वहीं उसके पेट पर भी धारदार हथियार से निशान थे। पेट पर सात बार वार किया गया है। शव के पास खून फैला हुआ था। पुलिस ने एफएसएल टीम को भी बुला लिया। एफएसएल ने साक्ष्य जुटाए। पुलिस को युवक की जेब से उसका आधार कार्ड मिला। आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई। मृतक का नाम विवेकानंद पंजाबी पुत्र कन्हैयालाल पंजाबी है। वह पाली बाजार, ब्यावर का रहने वाला था। पुलिस ने उसके परिजनों को सूचना दी तथा शव को मोर्चरी में भिजवाया।
पुलिस ने शव के आस-पास देखा तो अलग-अलग स्थानों से वहां चाकू के दो टुकड़े मिले। चाकू पर खून के निशान मिले हैं। इससे लगता है कि हत्या उसी चाकू से की गई है।डीसीपी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि हत्या आपसी लेन-देन के लिए की गई है। मृतक विवेकानंद सटोरिया था। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि मृतक ने आरोपी हितेश के भाई लक्की से 4 लाख रुपए उधार लिया था। तय समय पर मृतक विवेकानंद ने पैसे नहीं दिए और लक्की को ही धमकाता था। इसलिए परेशान होकर करीब ढाई साल पहले लक्की ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
भाई की मौत का बदला लेने के लिए हितेश ने विवेकानंद की हत्या करने की योजना बनाई और विशाल को भी शामिल कर लिया। शुक्रवार को आरोपियों को पता चला कि विवेकानंद जयपुर में है, इसलिए वह कार लेकर जयपुर पहुंच गए। शाम को बातों में उलझाकर विवेकानंद को कार में बैठा लिया। रात तीन बजे सेज इलाके में गला रेतकर विवेकानंद की हत्या कर दी। शव को डिवाइडर के बीच झाड़ियों में फेंककर अजमेर भाग गए। शनिवार को पूरे दिन किसी ने शव को देखा ही नहीं।